कौन हैं मार्कुस जोएडर जो मैर्केल के उत्तराधिकारी हो सकते हैं
२२ मई २०२०मार्कुस जोएडर क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) पार्टी के प्रमुख हैं, जो चांसलर मैर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) की सहयोगी पार्टी है. जोएडर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की परिषद के प्रमुख भी हैं, जिसके परामर्श से संघीय सरकार ने तय किया कि कोरोना लॉकडाउन के लिए कौन से कदम उठाए जाएं. कोरोना संकट में चंद ही जर्मन राजनेता हैं जिनकी लोकप्रियता जोएडर जितनी बढ़ी है. कोरोना संकट पर हुई अहम बैठकों में वह चांसलर मैर्केल के साथ दिखने वाले नियमित चेहरों में से एक हैं.
सीएसयू पार्टी सिर्फ बवेरिया में सक्रिय है जहां चांसलर की सीडीयू की ईकाई नहीं है. बवेरिया में 1957 से लगातार सीएसयू के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बन रही है. शुक्रवार को लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते सीएसयू पार्टी का नियमित होने वाला सम्मेलन ऑनलाइन सम्मेलन के रूप में शुरू हुआ. इससे पहले ही जोएडर को बड़ी जिम्मेदारी उठाने वाले दावेदारों में गिना जा रहा है.
ये भी पढ़िए: ऐसा क्या है अंगेला मैर्केल के व्यक्तित्व में
हरफनमौला राजनेता
जोएडर ने बवेरिया का मुख्यमंत्री पद मार्च 2018 में संभाला. हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा. उन्हें अपने राजनीतिक करियर में कुछ चीजें बड़ी देर से मिलीं, उनके संयम की खूब परीक्षा हुई. वह 2003 में ही सीएसयू के महासचिव बन गए थे. 2007 तक वह इस पद पर रहे. इसके बाद उन्होंने बवेरिया के कैबिनेट में कई मंत्री पदों की जिम्मेदारी संभाली.
और आखिरकार मार्च 2018 में वह मौका आया जब राज्य सरकार की कमान उनके साथ में आई. लंबे समय से जोएडर के प्रतिद्वंद्वी रहे हॉर्स्ट जेहोफर ने केंद्रीय सरकार में गृह मंत्री का पद संभालने के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ा. बाद में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद भी जोएडर के लिए छोड़ दिया.
महत्वकांक्षा और संयम
लेखक रोमान डाइनिंगर की नई किताब "द सीएसयू- पोट्रेट ऑफ ए स्पेशल पार्टी" में मार्कुस जोएडर का जिक्र सैकड़ों बार आता है. लेकिन उनके नाम के साथ जो पहला विशेषण जोड़ा जाता है, वह है महात्वाकांक्षी. हाल के सालों में कई बार पार्टी सम्मलेनों में वह पार्टी कार्यकर्ताओं को याद दिलाते देखे गए कि पार्टी नेतृत्व मिलने के इंतजार में वह थक गए थे. लेकिन जब उन्हें पद मिला तो वह नए जोश के साथ उसे निभाने में लग गए.
ये भी पढ़िए: बिस्मार्क से लेकर मैर्केल तक का जर्मनी
हाल के पार्टी सम्मेलनों में जब भी जेहोफर और जोएडर मिलते थे उनके बीच गर्मजोशी की कमी दिखती रही है और सिर्फ मीडिया कैमरों की खातिर वे मुस्कराते थे. सत्ता की बाडगोर मिलने से बहुत पहले से ही जोएडर ने यह साबित करने का मौका कभी नहीं छोड़ा कि वह बेहतर वक्ता हैं. कभी पत्रकार रह चुके जोएडर जनता की नब्ज पहचानने वाले नेता माने जाते हैं.
वैसे अक्टूबर 2018 में बवेरिया के चुनावों में सीएसयू ने 36.7 प्रतिशत वोटों के साथ सबसे खराब प्रदर्शन किया. इसके बाद जोएडर को प्रतिद्वंद्वी पार्टी फ्राई वेलर के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी. लेकिन जोएडर बहुत जल्द मैर्केल के मजबूत पार्टनर बन गए. कोरोना संकट के दौरान तो उनका नाम जर्मनी के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में शामिल हो गया. उन्होंने तुरंत कदम उठाते हुए स्कूल से लेकर पेशेवर फुटबॉल टूर्नामेंट तक बंद कर दिए. इस मामले में वह दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बहुत आगे रहे, खासकर सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य नॉर्थ राइनवेस्टफेलिया राज्य के मुख्यमंत्री आरमिन लाशेट से, जो पार्टी में मैर्केल का उत्तराधिकारी बनने के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर चुके हैं.
दूसरे दावेदार
बेशक यह बात अभी पक्के तौर से नहीं कही जा सकती कि जोएडर सीडीयू/सीएसयू गठबंधन की तरफ से चांसलर पद के उम्मदीवार बनेंगे. सीडीयू एक तो सीएसयू के मुकाबले बहुत बड़ी पार्टी है, दूसरे सीडीयू के अंदर भी मैर्केल की जगह लेने के लिए घमासान है. पार्टी के वरिष्ठ और ताकतवर नेता लाशेट के अलावा कारोबारी फ्रीडरिष मैर्त्स और सांसद नॉर्बर्ट रोएटगन जैसे नेता रेस में हैं. हालांकि वे सभी कुछ महीनों से शांत थे लेकिन अब फिर उन्होंने इंटरव्यू देने शुरू कर दिए हैं.
तो फिर जोएडर कहां टिकते हैं? नूरेमबर्ग में जन्मे जोएडर बार-बार कहते रहे हैं कि वह उम्मीदवार नहीं हैं. लेकिन 53 साल के जोएडर सभी नेताओं में सबसे युवा हैं. मैर्त्स (64), लाशेट (59) और रोएटगेन (54) सभी उनसे उम्र में ज्यादा हैं. लेकिन जोएडर को येंस स्पान का सामना भी करना पड़ सकता है. वह जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री हैं और उनकी उम्र सिर्फ 40 साल है. वह भी नेतृत्व संभालने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं.
रिपोर्ट: क्रिस्टोफ श्ट्राक/एके
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore