कॉमनवेल्थ घोटाले में दरबारी को जमानत
१४ जनवरी २०११केस दर्ज करने के 60 दिन बाद भी सीबीआई टीएस दरबारी के खिलाफ जांच पूरी न कर सकी और आरोप पत्र भी दायर नहीं कर पाई. इसे पुख्ता आधार मानते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दरबारी को जमानत दे दी. दरबारी के वकील ने अदालत से कहा कि बिना चार्जशीट के उनके मुवक्किल को जेल में नहीं रखा जा सकता. दरबारी पक्ष ने यह भी दलील दी कि जांच एजेंसी तयशुदा वक्त के भीतर जांच करने में नाकाम रही.
दरबारी की जमानत को सीबीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसी ही दलील के साथ कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े एक अधिकारी एम जयचंद्रन भी हाईकोर्ट का रुख कर रहे हैं. शुक्रवार से पहले कोर्ट इन दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर चुका था. ठेके देने में धांधली और मनमानी करने के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए अदालत ने कहा कि इससे देश की छवि को आघात लगा है. लेकिन सीबीआई की नाकामी के चलते आखिरकार दरबारी को जमानत मिल गई. जयचंद्रन की जमानत का आधार भी मजबूत है.
दरबारी को 15 नवंबर और जयचंद्रन को 21 नवंबर को गिरफ्तार किया गया. दोनों पर लंदन में क्वींस बैटन रिले में एक करोड़ 55 लाख रुपये का घोटाला करने का आरोप है. कॉमनवेल्थ खेलों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी से भी पूछताछ कर चुकी हैं. उनके यहां छापे भी मारे गए हैं, सूत्रों का कहना है कि सीबीआई कलमाड़ी के खिलाफ भी पुख्ता सबूत ढूंढने में नाकाम रही है. कलमाड़ी पुणे से सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के सांसद हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम