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कॉमनवेल्थ खेल: सुरक्षा एक बड़ी चुनौती

निर्मल (संपादन: एस गौड़)७ सितम्बर २०१०

भारत में होने जा रहे कॉमनवेल्थ खेलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करना आयोजन की सफलता से जुड़ा काफी अहम मसला है. आतंकवादी हमलों की धमकी के मद्देनज़र सुरक्षा एजेंसियों के सामने सुरक्षा इंतजामों को तगड़ा बनाने की चुनौती.

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तस्वीर: AP

3 अक्टूबर से खेल शुरू होने जा रहे है लेकिन इसमें हिस्सा ले रहे खिलाडियों का दिल्ली आना सितम्बर के दूसरे सप्ताह में आना शुरू हो जायेगा. पुलिस का कहना है कि पाकिस्तान के लाहौर शहर में मार्च 2009 में श्रीलंका के खिलाडियों पर हुए आतंकी हमले से सबक लेते हुए ही सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं.

Journalisten in Gefahr
तस्वीर: AP

दिल्ली पुलिस कमिश्नर वाईएस डडवाल ने बताया कि आयोजन में चाक चौबंद सुरक्षा उपाय करने के लिए ख़ुफ़िया एजेंसियों और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स को भी लगाया गया है. सेना, खुफिया तंत्र, एनएसजी और ट्रैफिक पुलिस को मिलाकर चार स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है.

इसका मकसद विदेशी मेहमानों को होटल से स्टेडियम तक महफूज़ पहुचाने से लेकर ख़ुफ़िया सूचनाओं के जरिये पूरे आयोजन पर मुस्तैद नज़र रखना और किसी भी आपात स्थिति में सफलता से निपटना है.

खेलों में 71 देशों के तक़रीबन 100,00 खिलाडी और 500,000 दर्शकों के आने की उम्मीद को देखते हुए किसी तरह कि कोताही नहीं बरती जा सकती है. योजना के मुताबिक खिलाडी, अधिकारी और वीआईपी मेहमान सिर्फ बस से ही स्टेडियम जा सकेंगे. सिर्फ राष्ट्र प्रमुखों को ही गाड़ी से जाने कि इजाज़त होगी. इसीलिए सुरक्षा उपकरणों से लैस आधुनिक किस्म की 574 बसें इस काम के लिए रखी गई हैं और स्टेडियम के बाहर 150 बसों की पार्किंग का इंतजाम भी किया गया है.

खिलाडियों और मेहमानों के रुकने के लिए बनाये गए खेल गांव और सभी 13 प्रतियोगिता स्थलों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए गए हैं. इसके तहत दिल्ली के आसमान से 24 घंटे हेलीकॉप्टर के जरिए नजर रखी जाएगी जिसमें कमांडो तैनात होंगे जो खुफिया इकाई के साथ मिलकर पूरे इलाके पर बारीक़ नजर रखेंगे. आवागमन के लिए रखी गई बसों को हर रोज सुबह रवाना होने से पहले पूरी तरह से जांचा परखा जायेगा.

सितम्बर के दूसरे सप्ताह में खिलाडियों के दिल्ली पहुचने से पहले ही सभी आयोजन स्थलों को सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर दिया जायेगा. इन जगहों को मेटल डिटेक्टर, एक्स रे मशीनों और उन सभी आधुनिक उपकरणों से लैस कर दिया गया है जो संसद भवन में लगे हैं. इसके लिए मेटल बैरियर, सीसीटीवी कैमरे, टायर बस्टर और एंटी सेबोटाज ड्रिल तक का इंतजाम किया गया है जिससे किसी भी अनहोनी से तुरंत निपटा जा सके.

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