'आप' तो ऐसे ना थे
१२ मार्च २०१५आम आदमी पार्टी को लेकर सामने आ रहे विवादों का सिससिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. पार्टी के अंतर्कलह को दिखाते हुए उनके एक पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पिछले साल कांग्रेस के छह विधायकों को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उस समय आप को दिल्ली में सरकार बनाने के लिए और विधायकों की जरुरत थी.
गर्ग ने दिल्ली कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पर भी आरोप जड़े कि वह विधायकों को कांग्रेस से अलग होकर एक नई पार्टी बनाने के लिए उकसाते रहे, ताकि वे आप को सरकार बनाने में बाहर से समर्थन दे सकें. कथित रूप से गर्ग के साथ टेलिफोन पर बातचीत करते हुए इस बाबत अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस हमें समर्थन देने को तैयार नहीं. मनीष (सिसौदिया) कांग्रेस के साथ संपर्क में हैं. एक काम कीजिए, कांग्रेस को तोड़िए और उनके छह विधायकों से एक नई पार्टी बनाने और हमें समर्थन देने को तैयार कीजिए." गर्ग ने यह भी कहा है कि केजरीवाल एक बार फिर चुनाव लड़ने से बचना चाहते थे.
इस ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर केजरीवाल को यह कहते सुना जा सकता है, "कांग्रेस हमारी मदद नहीं करेगी. हम पिछले डेढ़ महीने से कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस के ये छह विधायक बीजेपी को समर्थन दे देते, लेकिन इनमें से तीन तो मुसलमान हैं. वे बीजेपी को समर्थन नहीं देंगे. इस छहों को हमें समर्थन देना चाहिए."
इस सारी बातचीत के सार्वजनिक होने को लेकर गर्ग अनभिज्ञता दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इसे केवल आप नेता कुमार विश्वास को ही ईमेल किया था. रिकार्डिंग से उठे इस नए विवाद पर गर्ग का कहना है, "मैंने बातचीत रिकार्ड की. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियानों का हिस्सा रहा हूं. मैं विधायकों को तोड़ने के सख्त खिलाफ था और इस घटना के बाद मैंने पार्टी ऑफिस जाना बंद कर दिया था."
गर्ग के आरोपों का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने कहा है कि गर्ग इन ऑडियो क्लिप्स से उन्हें ब्लैकमेल कर इसके बदले पार्टी का टिकट हासिल करने की मंशा थी.
हाल ही में आप की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी से बाहर किए गए नेताओं प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है. इन दोनों नेताओं ने पार्टी के मुखिया केजरीवाल पर एंटी-पार्टी गतिविधियों में शामिल होने और एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया है. आप स्वयंसेवकों को लिखे अपने खत में दोनों नेताओं ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों पर बिंदुवार सफाई पेश की है. हालांकि उन्होंने भविष्य में भी पार्टी के साथ काम करने की बात दोहराई है और आप में चल रही इस सारी उठापटक को असल में "मजबूत बनने का मौका" बताया है.
आरआर/ओएसजे (पीटीआई)