केंचुओं से बढ़ती रिजॉर्ट की खूबसूरती
१४ नवम्बर २०१३पुंता काना कैरिबियाई सागर में छुट्टी मनाने की बेहतरीन जगह. डोमिनिकन गणराज्य की गरीबी यहां जरा भी नहीं दिखती. दुनिया भर से हर साल यहां तीस लाख से ज्यादा पर्यटक छुट्टियां मनाने आते हैं. ज्यादातर सैलानी महंगे होटलों में रहते हैं.
इन होटलों में बिजली पानी का बिल भी उतना ही भारी होता है. पर्यटकों की भीड़ भले ही अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी हो, लेकिन इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. हर साल करीब आठ लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड इन होटलों से निकलता है. नई दिल्ली से फ्रैंकफर्ट के बीच अगर एक हजार बार हवाई जहाज से उड़ें, तो भी कार्बन डाई ऑक्साइड की इतनी बड़ी मात्रा का उत्सर्जन नहीं होगा.
रिजॉर्ट में बंनती है बिजली
ग्रुपो पुंता काना कंपनी के यहां तीन होटल, आठ रस्तरां और चार गॉल्फ कोर्स हैं. लेकिन कंपनी एक बायोगैस प्लांट भी चला रही है. 2012 से यहां रोजाना बीस टन कचरा जलाकर उससे बिजली बनाई जा रही है. ग्रुपो पुंता काना के नौडी मेनेसेस बताते हैं, "हमने अलग अलग तकनीक देखी, रिसर्च कराए और फिर यह प्लांट बनाने का फैसला किया. सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम इससे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. हम किसी पर निर्भर नहीं है, ईंधन के दाम तय करने वाले लोगों पर तो जरा भी नहीं."
ग्रुपो पुंता काना के बगीचों में पेड़ पौधे हैं जिन्हें काटा जाता है और इससे ऑर्गैनिक कचरा पैदा होता है. पुंता काना की धूप में सूखकर इनसे बढ़िया ईंधन बनता है. इसकी भट्ठी से इतनी गर्मी और भाप पैदा होती है कि कंपनी की लॉन्ड्री को पूरी तरह चलाया जा सकता है. कर्मचारी करीब 6,000 कमरों की चादरें और तौलिये यहां अलग करके धोते हैं. दूसरे होटल भी कंपनी के बायोगैस प्लांट का फायदा उठाते हैं और अपने कपड़े यहां धुलवाते हैं.
रसोई का कूड़ा गॉल्फ कोर्स में
कंपनी के होटलों में भी रीसाइक्लिंग पर पूरा ध्यान दिया जाता है. रसोई में बचे हुए खाने को अलग करके फेंका जाता है. इस से ऑर्गैनिक खाद बनाई जाती है जिसके लिए केंचुओं का इस्तेमाल किया जाता है. अमेरिकी रिसर्चर बेंजामिन हूलेफेल्ड इसके बारे में बताते हैं, "रेड विगलर केंचुआ ऑर्गैनिक पदार्थों को गलाता है. हमारे लिए यह बहुत अच्छा है क्योंकि किचेन में बचे खुचे खाने को खत्म करना आसान नहीं होता. केंचुए इसे प्राकृतिक तरीके से गलाते हैं और बहुत अच्छी क्वालिटी की खाद पैदा करते हैं जिसका हम इस्तेमाल कर सकते हैं."
इस खाद को गॉल्फ कोर्स में डाला जाता है. इस पदार्थ को पैस्पालम कहते हैं. इससे घास की जड़ों को और तेज उगने की ऊर्जा मिलती है, जिससे गॉल्फ कोर्स और हरे भरे और खूबसूरत हो जाते हैं.
रिपोर्टः के शुत्से/मानसी गोपालकृष्णन
संपादनः ईशा भाटिया