किस मुद्दे पर क्या बोले मनमोहन सिंह
१६ फ़रवरी २०११इस्तीफे की संभावना
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें अभी कई काम पूरे करने हैं और इसलिए उन्होंने कभी इस्तीफा देने की नहीं सोची. "मैंने कभी त्यागपत्र देने के बारे में नहीं सोचा. मैं पद पर बना रहूंगा. मुझे अभी कई काम पूरे करने हैं." प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इतने सवाल उठने के बाद उन्होंने कभी पद से हटने की सोची. उन्होंने कहा कि वह कमजोर प्रधानमंत्री नहीं हैं.
गठबंधन राजनीति
प्रधानमंत्री ने माना कि गठबंधन राजनीति की अपनी सीमाएं होती हैं. "मैं अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझता हूं. हमारी एक गठबंधन सरकार है और गठबंधन धर्म का पालन होना चाहिए. गठबंधन सरकार को चलाने में कुछ समझौते करने पड़ते हैं."
स्पेक्ट्रम घोटाला
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर पीएम ने कहा कि अपनी चिंताओं से उन्होंने पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा को अवगत करा दिया था लेकिन फिर नीलामी के लिए ज्यादा जोर नहीं डाला. टेलीकॉम और वित्त मंत्रालय पहले आओ, पहले पाओ की नीति के लिए तैयार था. टेलीकॉम के लिए ए राजा, डीएमके पार्टी की पसंद थे और गठबंधन राजनीति में पार्टी नेता ही मंत्री का नाम आगे बढ़ाता है.
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी)
मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें किसी भी जांच समिति के सामने पेश होने का डर नहीं है. फिर चाहे वह संयुक्त संसदीय समिति ही क्यों न हो. "लोग गलत समझ रहे हैं कि जेपीसी के गठन में पीएम रोड़ा अटका रहे हैं. मैंने कहा है कि मेरा आचरण हमेशा संदेह से परे होना चाहिए."
भ्रष्टाचार
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. "आपके माध्यम से मैं भारत की जनता को बताना चाहता हूं कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी. जीवन के हर क्षेत्र में बढ़ता भ्रष्टाचार लोगों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. अगर भ्रष्टाचार है तो उससे मुक्ति पाई जानी चाहिए. फिर चाहे बात कार्यपालिका की हो या फिर न्यायपालिका की."
आर्थिक सुधार
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार आर्थिक सुधार के रास्ते से पीछे नहीं हटी है और इस बजट में नए सुधार लागू किए जाएंगे. मनमोहन ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि संसद में अहम बिलों पर साथ न मिल पाने की वजह से सुधार लटके पड़े हैं. खासतौर पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी संसद नहीं चलने दे रही है.
आतंकवाद
मनमोहन सिंह ने कहा कि आतंकवाद से आंतरिक सुरक्षा को खतरा है लेकिन सरकार इससे मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है. मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार को इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए. पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद पर मनमोहन सिंह ने कहा कि उस क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो रही है और उल्फा से बातचीत चल रही है.
31 सालों में यह पहली बार उल्फा का शीर्ष नेतृत्व बातचीत के लिए तैयार हुआ है. जम्मू कश्मीर पर मनमोहन सिंह ने कहा कि वहां भी अब स्थिति सामान्य है और लोग विकास की उम्मीद कर सकते हैं. पीएम ने भरोसा दिया कि विकास योजनाओं के जरिए कश्मीरी युवाओं को रोजगार मिलेगा.
मीडिया से अपील
मनमोहन सिंह ने कई घोटालों को सामने लाने में अहम भूमिका निभाने के लिए मीडिया का शुक्रिया अदा किया लेकिन ताकीद की है कि समस्याओं को बढ़ा चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए. पीएम के मुताबिक देश आर्थिक विकास के रास्ते पर है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रभाव बढ़ रहा है. ऐसे में समस्याओं को बहुत बड़े रूप में दिखा कर देश की जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने का काम नहीं करना चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार