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कहां से आता है जर्मन पार्टियों को चुनाव प्रचार का पैसा

१२ अगस्त २०२१

राजनीतिक दलों को टैक्स से मिलने वाली राशि और चंदे की कोई सीमा नहीं होने के बावजूद जर्मनी में चुनाव अभियान का खर्च अमेरिका या भारत जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है. जर्मनी में पार्टियों को पैसा कहां से मिलता है.

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तस्वीर: picture-alliance/blickwinkel/M. Haddenhorst

संयुक्त राज्य अमेरिका या भारत की तुलना में जर्मनी में होने वाले चुनावों में प्रचार अभियान पर काफी कम राशि खर्च की जाती है. कांग्रेस या व्हाइट हाउस के लिए अमेरिकी प्रत्याशियों ने पिछले साल के चुनाव में रिकार्ड 12.24 अरब यूरो खर्च किए थे, जबकि नन पार्टिजन सेंटर ऑफ रिस्पांसिव पॉलिटिक्स के अनुसार जर्मनी में राजनीतिक पार्टियां इसका अंश मात्र ही खर्च करती हैं.

जर्मनी के संघीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार पिछली बार वर्ष 2017 में जर्मनी में हुए संसदीय चुनाव में पार्टियों ने अपने चुनाव अभियानों पर संयुक्त रूप से  9.2 करोड़ यूरो खर्च किया था. हाल के वर्षों में दोनों ही देशों में वोट की लड़ाई में ऑनलाइन प्रतिद्वंदिता बढ़ने व पार्टियों के सम्मेलनों तथा चुनावी गतिविधियों के खर्चे में बढ़ोतरी से चुनाव अभियान की लागत में भी वृद्धि हो गई है. लेकिन, जर्मनी अभी भी अमेरिका में इस मद में होने वाले खर्च के स्तर से काफी दूर है. जर्मनी के मितव्ययी चुनावों का रहस्य प्रमुख पार्टियों को सरकार द्वारा मिलने वाली सहायता तथा पार्टियों के लिए बनाए गए कड़े वित्तीय कानून हैं.

Infografik Ausgaben der politischen Parteien in Deutschland EN
2018 में जर्मन पार्टियों का खर्च

राजनीतिक दलों को कहां से मिलती है वित्तीय सहायता

संयुक्त राज्य अमेरिका व अन्य देशों के विपरीत, जर्मनी में राजनीतिक दलों के पार्टी फंड तथा चुनाव अभियान कोष में कोई अंतर नहीं है. कैंपेनिंग को राजनीतिक दलों के काम का हिस्सा माना जाता है. इसलिए इसे पार्टी के कुल बजट में शामिल किया जाता है.

जर्मनी की कर प्रणाली भी राजनीतिक दलों को मदद देती है. वर्ष 2021 में राष्ट्रीय टैक्स से राजनीतिक दलों को 20 करोड़ यूरो की वित्तीय मदद मिली. इसी रकम से चुनावी अभियानों की भी फंडिंग की जाती है.

पार्टियों को पैसा कौन देता है

टैक्स से मिलने वाली सबसिडी के अलावा कॉरपोरेट व वैयक्तिक दानकर्ता राजनीतिक दलों को गैर सरकारी फंड  का एक बड़ा हिस्सा प्रदान करते हैं. राजनीतिक दल तथा उनके अभियान को वित्तीय मदद संघीय सरकार की ओर से व पार्टी की सदस्यता शुल्क तथा आमजन व निगमों से प्राप्त होती है. जर्मनी में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को संघीय सरकार से फंड मिलता है, लेकिन उन्हें दी जाने वाली धनराशि इस बात पर निर्भर करती है कि हरेक पार्टी राज्य, संघ व यूरोपीय संघ के स्तर पर चुनावों में कैसा प्रदर्शन करती हैं और उन्हें कितने वोट मिले है.

Infografik Obergrenze für die staatliche Parteienfinanzierung EN
सरकार से पार्टियों को मिलने वाली मदद की सीमा

पब्लिक फंडिंग के लिए वे ही पार्टियां योग्य होतीं हैं, जो राज्य स्तर पर कम से कम एक प्रतिशत या फिर यूरोपीय संघ के स्तर पर या राष्ट्रीय चुनावों में 0.5 फीसद वोट पाती हैं. सरकार तब प्रत्येक पार्टी को पहले चालीस लाख वोट के लिए प्रति वोट 1.05 यूरो तथा हर एक वोट के लिए 86 सेंट देती है. इसके अलावा हर पार्टी को हरेक यूरो के लिए 45 सेंट भी दिए जाते हैं जो पार्टी सदस्यता शुल्क या निजी चंदे से 3300 यूरो तक की राशि जुटा पाती है.

कोई किसी पार्टी को कितना चंदा दे सकता है

जर्मनी में हाइवे पर गति सीमा की तरह यह निर्धारित नहीं है कि कोई निगम या व्यक्ति चंदे के तौर पर राजनीतिक दलों को कितनी बड़ी रकम दान कर सकता है. इसकी भी कोई सीमा नहीं है कि पार्टियां चुनावी अभियानों पर कितना खर्च करतीं हैं. चंदे की कोई सीमा नहीं होने के बवजूद हरेक पार्टी को लोगों के योगदान तथा निजी सहायता से बजट का एक छोटा सा हिस्सा मात्र ही प्राप्त हो पाता है.

Deutschland historische Wahlplakate Willy Brandt 1972
1972 में चांसलर उम्मीदवार विली ब्रांट का पोस्टरतस्वीर: Imago

चंदे की सीमा नहीं है लेकिन एक जरूरी शर्त यह है कि 50,000 यूरो से अधिक रकम के हरेक चंदे की सूचना संसद के निचले सदन बुंडेसटाग को अवश्य दी जाए. तब संसद अपनी वेबसाइट पर पार्टियों को मिले चंदे की एक सूची प्रकाशित करती है जिस पर चंदा देने वाली कंपनी या व्यक्ति का नाम व पता भी दर्ज होता है. 2021 में दान की सबसे बड़ी रकम एक सॉफ्टवेयर डेवलपर व क्रिप्टोकरेंसी के निवेशक की ओर से मिली. उसने ग्रीन पार्टी को 10 लाख यूरो का चंदा दिया.

इतना कम क्यों है चुनाव अभियान का खर्च

जर्मनी की राजनीतिक पार्टियां संयुक्त राज्य अमेरिका की पार्टियों की तुलना में विज्ञापन पर काफी कम खर्च करती हैं. अमेरिका में महीनों तक फोन कॉल्स, ई-मेल व टेलीविजन पर विज्ञापन के जरिए वोटरों को लुभाने से यह महंगा उपक्रम बन गया है.

जर्मनी में स्थानीय तथा राज्यों के कानून राजनीतिक दलों को चुनाव के कुछ हफ्ते पहले से ही अभियान संबंधी होर्डिंग या पोस्टर लगाने की अनुमति देते हैं. राज्य के कानूनों की वजह से चुनाव के एक महीना पहले से ही रेडियो या टीवी पर अवधि व लंबाई की निर्धारित सीमा के साथ विज्ञापन की अनुमति है, इस वजह से प्रचार अभियान की लंबाई कम हो जाती है.

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