कहां फेंके परमाणु कचरा
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रेडियोएक्टिव कचरे को जर्मनी में कहां रखें. इस समस्या का समाधान नया आयोग ढूंढेगा. जर्मनी इस मामले में कभी एकमत नहीं हो सका.
नया रास्ता?
जर्मनी में एक ऐसी जगह ढूंढी जा रही है जहां परमाणु कचरा हमेशा के लिए रखा जा सके. अभी तक जर्मन राज्य इस मुद्दे पर एक नहीं हो सके. फिलहाल लोअर सेक्सनी का गोरलेबन प्रस्तावित है.
अस्थाई हल
कैस्टर कहे जाने वाले सूखे स्टोरेज कंटेनरों को गोरलेबन के पास के स्टोरेज में ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है. परमाणु ईंधन की छड़ें सुरक्षा कारणों से ऐसी गैस में रखी जाती हैं जो कम क्रियाशील हो.
वर्तमान समस्या
दुनिया में कहीं भी फिलहाल रेडियोएक्टिव या परमाणु कचरे को रखने की व्यवस्था नहीं है. जर्मनी के गोरलेबन में फ्रांस का परमाणु कचरा भी रखा जाता है.
अंधेरे में
गोरलेबन में फ्रांस का परमाणु कचरा कंटेनरों में भर कर रात को पहुंचाया जाता है. ताकि मुश्किलें पैदा न हों और लोगों का इस पर कम ध्यान जाए.
विरोध प्रदर्शन
गोरलेबन में परमाणु कचरा रखने के विरोध में अक्सर प्रदर्शन होते हैं. 2012 में हुए सर्वे के मुताबिक 40 फीसदी जर्मन अपने शहर में परमाणु कचरे का स्टोरेज नहीं चाहते.
फिर से इस्तेमाल
गोरलेबन के पास नमक की खान की जांच की जा रही है कि वहां परमाणु कचरा रखा जाए. चिंता है रेडियोएक्टिव पदार्थों के पानी में जाने की.
भारी दबाव
परमाणु कचरे के स्थाई स्टोरेज के मुद्दे का पर्यावरण मंत्री पेटर आल्टमायर पर काफी दबाव है. साथ ही परमाणु ऊर्जा की बजाए अक्षत ऊर्जा को आगे बढ़ाने की कोशिश भी जर्मनी में हो रही है.
गलतियां
जर्मनी की आसे ll की नमक खदान में रखे सवा लाख बैरल रेडियोएक्टिव कचरा को साफ करने के आदेश दिए गए हैं. यहां 60 और 70 के दशक से रेडियोएक्टिव कचरा रखा गया जा रहा था. अभी यह सील है.
दूषित पानी
आसे की खान से पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं. पानी में रेडियोएक्टिव प्रदूषण की आशंका है. इस साइट को खास ड्रेस पहन कर देखा जा सकता है.
प्लांट बंद
जर्मनी 2020 तक देश के सभी परमाणु बिजली संयंत्र बंद कर देना चाहता है. लेकिन परमाणु ईंधन की छड़ों का आखिरकार क्या होगा यह तब तक अनिश्चित रहेगा जब तक स्टोरेज की समस्या हल नहीं होती.