कश्मीर पर बात से पहले बोल दिए गिलानी
२४ जून २०११गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने जिन मुद्दों पर बात की, उनमें अहम मुद्दा कश्मीर रहा, जिस पर शुक्रवार को भी बातचीत हो सकती है.
इस बातचीत से पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि कश्मीर पाकिस्तान की "जगलर वेन" है. जगलर वेन वे नाड़ियां होती हैं जो दिमाग तक खून ले जाती हैं. यानी गिलानी ने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए बेहद अहम बताया है. उन्होंने कश्मीर के लोगों को विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान का राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन उन्हें मिलता रहेगा.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के पालांडरी में एक जनसभा में गिलानी ने कहा कि सत्ताधारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और कश्मीर मुद्दा एक दूसरे से गहरे जुड़े हैं.
पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना जारी रखेगी और दुनिया को जम्मू कश्मीर में हो रहे मानवाधिकार हनन के बारे में बताती रहेगी.
बीजेपी नाराज
भारत की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने गिलानी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेता वीके मल्होत्रा ने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत हो रही है, ऐसे में पाक प्रधानमंत्री ने भड़काऊ बयान दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने बातचीत को लेकर भारत सरकार की भी खिंचाई की.
भारतीय जनता पार्टी के नेता लाल कृष्ण आडवाणी के मुताबिक ऐसा लगता है कि भारत ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले पर अपना रुख नरम कर दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच इस्लामाबाद में विदेश सचिव स्तर की बातचीत हो रही है.
इस्लामाबाद में भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव और पाकिस्तानी विदेश सचिव सलमान बशीर के बीच बैठक हुई. लेकिन आडवाणी इस बैठक में भारतीय रुख पर ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि भारत ने पाकिस्तान से मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तेज और विश्वसनीय कार्रवाई की मांग की थी लेकिन अब वह नरम पड़ गया है. आडवाणी ने कहा कि लगता है भारत मामले के संतोषजनक तरीके से अंजाम पर पहुंचने पर राजी हो गया है.
आडवाणी पार्टी की एक रैली में बोल रहे थे. उन्होंने पाकिस्तान पर 26/11 हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ कोई कदम न उठाने का आरोप लगाया. लेकिन वह भारत सरकार से भी नाराज नजर आए. उन्होंने कहा, "अब भारत सरकार ने अचानक अगले दौर की विदेश सचिव स्तर की बातचीत के लिए अपना रुख बदल लिया है. जिम्मेदार लोगों पर तेज और विश्वसनीय कार्रवाई की अपनी मांग पर अडिग रहने के बजाय सरकार पाकिस्तान से अब बस इतना चाहती है कि मामला संतोषजनक तरीके से बंद हो जाए."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़