कश्मीर पर चिंता के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाता पाकिस्तान
१४ अगस्त २०१९अगस्त की पांच तारीख को भारत के जम्मू और कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म कर उसे केंद्रशाषित प्रदेशों में बांटने के निर्णय की निंदा के सुर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रमुखता से सुनाई पड़े. खान ने आरोप लगाया कि भारत ने वहां पैदा हुई व्यापक अशांति को दबाने के लिए संचार के सभी साधनों पर रोक लगाई और लोगों की आवाजाही की आजादी भी छीन ली.
इस्लामाबाद ने भारत के कश्मीर पर कदम की प्रतिक्रिया देते हुए द्विपक्षीय व्यापार और सभी तरह के सार्वजनिक परिगमन को स्थगित कर दिया. साथ ही इस्लामाबाद से भारत के राजदूत को भी वापस भेज दिया. खान ने 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में कहा, "आजादी का दिन बहुत खुशी का मौका होता है. लेकिन आज हम दुखी हैं क्योंकि भारतीय दमन के शिकार बने ऑक्युपाइड जम्मू और कश्मीर के हमारे कश्मीरी भाई कष्ट में हैं." खान ने आगे कहा कि "मैं कश्मीरी भाइयों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम उनके साथ खड़े हैं."
पाकिस्तान के पास कश्मीर का पश्चिम का हिस्सा है, जिसे वह "आजाद कश्मीर" कहता है. ऊत्तर का एक छोटा हिस्सा चीन के कब्जे में है जहां बहुत कम आबादी रहती है. कश्मीर घाटी का बड़ा हिस्सा और हिंदु बहुल जम्मू का इलाका भारत के अधिकार क्षेत्र में रहा है. 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर में हुए बदलावों के बाद से कई दिन तक संचार और आवागमन की सेवाओं पर रोक लगा दी थी. भारतीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 14 अगस्त को जम्मू के पांच जिलों से पाबंदियां हटा दी गई हैं और कश्मीर के नौ जिलों में उनमें छूट दी गई है. मंत्रालय ने बताया कि दोनों पड़ोसी देशों के स्वतंत्रता दिवसों और मुसलमानों के शुक्रवार की प्रार्थना के दौरान सुरक्षा के खास प्रबंध रहेंगे.
14 अगस्त को खान मुजफ्फराबाद भी गए जो कि "आजाद कश्मीर" की राजधानी है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने वहां स्टेट असेंबली को संबोधित करते हुए भी भारतीय कश्मीर पर टिप्पणियां कीं. खान ने भारत के प्रधानमंत्री और बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी की पार्टी पर नस्लवादी सोच से प्रेरित होने का आरोप लगाया. खान ने कहा कि बीजेपी की मूल संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, आरएसएस जर्मन तानाशाह हिटलर से प्रभावित रही है और कश्मीर में मोदी की कार्रवाई को उसी सोच का नतीजा यानि "फाइनल सोल्यूशन" कहा. इमरान खान ने इसकी तुलना जर्मनी में यहूदियों के नस्लवादी सफाये से की. जम्मू और कश्मीर में मोदी के कदम को उन्होंने "बड़ी कूटनीटिक भूल" बताया क्योंकि खान के अनुसार इससे कश्मीर अंतरराष्ट्रीय पटल पर सबके लिए खुल गया है.
इस्लामाबाद में ऐसे पोस्टर लगे हैं जिनमें स्थानीय लोगों से कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने की अपील की गई है. ट्विटर पर भी #IStandWishKashmir ने खूब ट्रेंड किया. इस्लामाबाद में सड़कों पर दुकान लगाने वाले पाकिस्तान के झंडे के साथ साथ आजाद कश्मीर के झंडे भी बेचते दिखे.
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1947 में ब्रिटेन की गुलामी से आजाद होने के बाद से भारत और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर दो बार युद्ध कर चुके हैं. इस साल फरवरी में भी दोनों देशों के बीच तनाव काफी गहरा गया था और दोनों ओर से हिंसक कार्रवाइयां भी हुईं. पाकिस्तानी सरकार ने कहा है कि 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस इस बार "काला दिवस" के रूप में मनाया जाएगा. पाकिस्तान की सरकारी इमारतों पर पाकिस्तानी झंडे को आधा झुका कर कश्मीर में भारत के कदमों के प्रति विरोध जताया जाएगा.
आरपी/एनआर (रॉयटर्स)
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