कश्मीर पर आजम खान के बयान से बवाल
२३ दिसम्बर २०१०लखनऊ से 250 किलोमीटर दूर बदायूं में एक रैली में खान ने कहा, "यूपीए सरकार में गुलामनबी आजाद एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. लेकिन वह भी कश्मीर से हैं. उस कश्मीर से, जो आज भी विवादित है और हमें नहीं पता कि वह भारत का हिस्सा है भी या नहीं."
अपने इस भाषण में आजम खान का मकसद कांग्रेस पर निशाना साधना था. उन्होंने कांग्रेस पर मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सिर्फ एक मुस्लिम मंत्री है.
आजम खान के इस बयान पर खासा बवाल हो गया है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस बयान की आलोचना की है. कांग्रेस ने कहा कि यह बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी ने इसे गैरजिम्मेदाराना बयान बताया है. आजम खान पर देशद्रोह का मुकदमा चलाए जाने की भी मांग उठ रही है.
बीजेपी प्रवक्ता विजय पाठक ने कहा, "खबरों में रहने के लिए गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी की जाती है. आजम खान का बयान भी उसी की एक मिसाल है." पाठक ने लगे हाथ कांग्रेस को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि पहले दिग्विजय सिंह ने इसी तरह के विवादास्पद बयान दिए और अब आजम खान वही काम कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि आजम खान का बयान समाजवादी पार्टी और खुद खान के लिए भी दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजम खान जैसे नेता मुस्लिम राजनीति के अगुआ हैं. समाजवादी पार्टी ने सोचा होगा कि उन्हें वापस लेकर वह बहुत अच्छा काम कर रही है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल