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कश्मीर के हालात पर पर ध्यान दे दुनियाः पाकिस्तान

१० अक्टूबर २०१०

पाकिस्तान ने विश्व समुदाय से कहा है कि वह कश्मीर घाटी में मानवाधिकारों के कथित घोर उल्लंघन पर ध्यान दे और इस "दमन" को रोकने के लिए भारत पर दबाव बनाए. इससे पहले पाकिस्तान यूएन में इस मुद्दे को उठा चुका है.

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तस्वीर: Abdul Sabooh

प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कश्मीरी लोगों को नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन जारी रखने का अपनी सरकार का संकल्प दोहाराया है. प्रधानमंत्री ने जमात-ए-इस्लामी के मुखिया मौलाना फजलुर रहमान के साथ मुलाकात के दौरान यह बात कही. रहमान कश्मीर मुद्दे पर पर पाकिस्तानी संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं.

Indien Kaschmir Gewalt
तस्वीर: AP

गिलानी ने कहा कि भारतीय कश्मीर में मानवाधिकारों के "घोर उल्लंघन" पर विश्व बिरादरी को ध्यान देना चाहिए. साथ ही कश्मीरी लोगों के "दमन" को रोकने के लिए भारत पर दबाव डाला जाना चाहिए. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक कश्मीर विवाद का हल बहुत जरूरी है.

कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों को जनमत संग्रह के जरिए स्वनिर्धारण का हक दिया जाए. उन्होंने भारतीय सुरक्षा बलों पर घाटी में बर्बरता फैलाने का आरोप भी लगाया.

रहमान ने गिलानी को बताया कि उनके नेतृत्व वाली समिति ने शुक्रवार को अलगाववादी ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं से मुलाकात की. उनके मुताबिक हुर्रियत नेताओं ने बताया कि किस तरह स्थानीय लोग भारत सरकार के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं. पाकिस्तानी संसदीय समिति ने हुर्रियत नेताओं के शिष्टमंडल को भरोसा दिलाया कि कश्मीरी लोगों के उद्देश्य को पाकिस्तान की तरफ से पूरा समर्थन जारी रहेगा.

रहमान ने प्रधानमंत्री गिलानी को कुछ प्रस्तावों और सिफारिशों के बारे में जानकारी दी जिनके जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले घाटी में "मानवाधिकारों के उल्लंघन" के मुद्दे को कैसे उठाया जा सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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