करगिल में मारे गए पाक सैनिकों के नाम जारी
१८ नवम्बर २०१०रणनीतिक रूप से अहम करगिल के पहाड़ी इलाके में हुए संघर्ष के 11 साल बाद पाकिस्तान ने एक तरह से इसमें अपनी भूमिका को मान लिया है. पाकिस्तानी सेना की वेबसाइट पर पहली बार उन 453 सैनिकों और अधिकारियों के नाम जारी किए गए हैं जिन्हें जम्मू कश्मीर के करगिल बटालिक सेक्टर में मारा गया बताया गया है. दिलचस्प बात यह है कि बेवसाइट पर दी गई शहीदों की सूची में करगिल में मारे गए सैनिकों को इस तरह शामिल किया गया है कि ज्यादा पता न चले.
इस बेहद लंबी सूची के पहले पन्ने में कप्तान कर्नल शेर और हवलदार ललक जान के नाम शामिल हैं जो कारगिल में 7 जुलाई 1999 को मारे गए. उन्हें बाद में पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैनिक सम्मान निशान-ए-हैदर भी दिया गया. कई और सैनिकों को मरणोपरांत तमगा-ए-जुर्रत पदक दिया गया.
पाकिस्तान सेना ने भारत के हिस्से में रणनीतिक महत्व की पहाड़ियों पर कब्जे के लिए अभियान को दिया कोड नाम भी जारी किया है. इसे ऑपरेशन कोह-ए-पैम नाम दिया गया जिसका मतलब है पहाड़ का संकल्प. कुछ मामलों में इसे ऑपरेशन करगिल भी कहा गया. इस युद्ध में मारे गए ज्यादातर पाकिस्तानी सैनिक नॉर्दन लाइट इंफेंट्री के थे. करगिल में पाकिस्तानी सैनिकों की मौत को कई नाम दिए गए हैं जैसे कार्रवाई में मारे गए, दुश्मन की कार्रवाई, दुश्मन की गोलाबारी यहां तक सड़क दुर्घटनाओं का भी हवाला दिया गया है.
सूची में मारे गए हर सैनिक का नाम, रैंक, यूनिट, मारे जाने की वजह और जगह का ब्यौरा दिया गया है. करगिल संघर्ष और उसके बाद के सालों में भी पाकिस्तानी सेना बराबर इस बात को कहती रही उसके सैनिकों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया बल्कि भारतीय सेना से कश्मीरी मुजाहिदीन लड़ रहे थे. भारत ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा