ओलंपिक में लैंगिक बराबरी का सफर
रियो ओलंपिक खेलों में दुनिया के 200 से भी अधिक देशों के करीब 11,000 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं. देखिए प्राचीन ग्रीक ओलंपिक में केवल पुरुषों के मुकाबले से शुरु हुए खेलों में लैंगिक बराबरी का सफर अब कहां तक पहुंचा है.
प्राचीन ग्रीक ओलंपिक में केवल पुरुष हिस्सा ले सकते थे. महिलाएं प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकती थीं और दर्शक के रूप में खेल देखने का अधिकार भी केवल अविवाहित महिलाओं को ही था. स्पार्टा के राजा आर्किडामोस की बेटी किनिस्का 396 ईसा पूर्व में 96वें ओलिंपियाड में हुई रथ प्रतियोगिता में चार घोड़ों वाले रथ से मुकाबला जीत कर दुनिया की पहली महिला ओलंपिक विजेता बनी.
19वीं सदी में ओलंपिक आयोजनों को पुनर्जीवित करने के प्रयास की शुरुआत में भी महिलाओं के हिस्सा लेने पर प्रतिबंध था. 1896 में एथेंस में हुए पहले आधुनिक ओलंपिक में एक भी महिला एथलीट हिस्सा नहीं ले सकी. आधुनिक ओलंपिक के जनक माने जाने वाले पियरे डे कुबेर्टीन ने कथित तौर पर महिलाओं के हिस्सा लेने का इसलिए विरोध करते थे क्योंकि उनके हिसाब से ऐसा करना "अव्यवहारिक, अरोचक, अनाकर्षक और गलत" था.
सन 1900 के पेरिस ओलंपिक में पहली बार कुल 997 एथलीटों में से 22 महिलाएं थीं. स्विट्जरलैंड की काउंटेस हेलेना डे पोर्टेलिस महिला-पुरुष संयुक्त सेलिंग क्रू मुकाबले में पहला गोल्ड मेडल जीता. वहीं ब्रिटिश टेनिस खिलाड़ी शार्लट कूपर पहली एकल विजेता बनीं. सन 1991 में आईओसी ने तय किया कि ओलंपिक में जोड़े जाने वाले सभी नए खेलों में महिलाओं और पुरुषों दोनों के अलग मुकाबले होने ही चाहिए.
2012 लंदन में पहली बार ऐसा हुआ कि ओलंपिक में शामिल सभी खेलों में महिलाओं ने हिस्सा लिया. पहली बार सऊदी अरब, कतर और ब्रुनेई समेत सभी देशों के प्रतियोगी दल में कम से कम एक महिला एथलीट शामिल की गई. सिनक्रोनाइज्ड स्विमिंग और रिदमिक जिम्नास्टिक में पुरुष हिस्सा नहीं ले पाए और 2016 रियो ओलंपिक में भी यही हाल है.
2016 में सऊदी अरब की महिला टीम में काफी महिलाएं हैं लेकिन कतर और ब्रुनेई ने इस बार भी केवल एक एक महिला एथलीट को ही भेजा है. जाहिर है कि ऐसा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों की मजबूरी के कारण किया गया है और अभी भी ये देश महिला एथलीटों के अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने का रास्ता रोक रहे हैं.
कई खेलों में लैंगिक आधार पर अंतर रखा गया है. जैसे कि महिलाएं केवल फ्रीस्टाइल रेसिंग में हिस्सा ले सकती हैं, ग्रेको-रोमन में नहीं. बॉक्सिंग में महिलाओं के केवल तीन भार-वर्ग हैं जबकि पुरुषों के लिए दस. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अनुसार रियो दे जनेरो 2016 में रिकॉर्ड संख्या में महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया है. पिछले ओलंपिक में करीब 44 फीसदी महिला प्रतियोगी थीं.
2016 ओलंपिक में महिलाओं के नए खेल रग्बी सेवेंस की शुरुआत की गई है. 292 महिला एथलीटों के साथ अमेरिका ने आज तक की सबसे बड़ी महिला टीम उतारी है. खेलों में लैंगिक बराबरी लाने की कोशिश करने वाली आईओसी की गवर्निंग बॉडी के 126 सदस्यों में अभी खुद केवल 25 ही महिलाएं हैं.