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ऑस्ट्रेलिया को नहीं चाहिए खानसामे

१७ मई २०१०

खानसामों और हेयरड्रेसर के लिए ऑस्ट्रेलिया अपने दरवाजे बंद कर रहा है. वीजा देने के सख्त नियम अपनाए जा रहे हैं और ऐसे कोर्स कर स्थायी वीजा लेने वालों पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार की कैंची चल गई है.

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तस्वीर: DW

पिछले साल ऑस्ट्रेलिया ने दक्ष कामगारों की श्रेणी में जिन 41,000 लोगों को वीजा दिया, उनमें से 5,000 से ज्यादा लोग नाई या खानसामे का कोर्स कर चुके थे. इसी आधार पर उन्हें वीजा दिया गया. इनमें से ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले भारतीय छात्र हैं.

नहीं चाहिए खानसामे

ऑस्ट्रेलिया में दक्ष कामगारों के लिए 400 श्रेणियां थीं, जिनमें खानसामों और हेयरड्रेसरों के लिए खास जगह थी. लेकिन इस साल 219 श्रेणियों को बदला जा रहा है. इस साल जुलाई से नई श्रेणियों का एलान कर दिया जाएगा और हर साल उसे अपडेट किया जाएगा.

साथ ही एक्युपंचर करने वालों, डांस टीचर, होटल मैनेजर, पियानो सिखाने वाले, इंटिरियर डेकोरेटरों, पत्रकारों को भी वीज़ा नहीं दिया जाएगा. ऑस्ट्रेलिया के आप्रवास मंत्री क्रिस इवान्स ने कहा, "जो किसी काम में माहिर हैं ऐसे छात्रों की ऑस्ट्रेलिया को ज़रूरत है और वे हमेशा के लिए यहां रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं या फिर जिन्हें किसी कंपनी ने बुलाया है वे लोग भी यहां आ सकते हैं. लेकिन अब हमें हजारों ख़ानसामों की ज़रूरत नहीं है. वीज़ा के लिए नौकरियों या जिस क्षेत्र में वीज़ा के लिए आवेदन किया जा सकता है ऐसे कामों की नई सूची अगले वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी और हर साल इसे बदला जाएगा." साल 2001 से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्र पेशेवर कोर्स करने के बाद वहां स्थायी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं.

Indien Australien Demonstrationen in Delhi gegen Rassismus
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमले के कारण वहां जाने वाले छात्रों की संख्या में कमीतस्वीर: AP

वीजा एजेंसियों पर कैंची

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारत के वीजा एजेंटों पर सख्ती बरतते हुए लगभग 100 एजेंटों को मान्यता नहीं दी है. भारत भर से 121 एजेंटों ने ई-वीजा के लिए आवेदन किया था, जिनमें से सिर्फ 22 एजेंटों को ही ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मान्यता दी है. समझा जाता है कि आप्रवासन नियम को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है.

भारत के कई एजेंटों पर शक था कि वे नियमों को तोड़ते हुए, जाली कागज़ात के ज़रिए छात्रों को वीज़ा दिलाने की कोशिश करते हैं. हाल में ऑस्ट्रेलिया सरकार ने ऑस्ट्रेलिया और बाहर के देशों में वीज़ा एजेन्ट ने नए सिरे से अपना पंजीकरण करवाने को कहा था.

ऑस्ट्रेलिया के आप्रवास और नागरिकता विभाग ने जानकारी दी कि भारत में काम करने वाले एजेन्टों को नई दिल्ली उच्चायोग में पंजीकरण के लिए फिर से आवेदन करना था. नई दिल्ली ने 22 एजेंसियों को फिर से रजिस्टर किया है.

कड़े नियम

एजेंटों को बताया गया कि किन छह पैमानों पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ई-वीज़ा एजेन्टों को मान्यता देगी. एजेंटों की इस सूची को बढा़ए जाने का कोई इरादा नहीं है. डीआईएसी ने जानकारी दी कि पंजीकृत ई वीज़ा एजेंसियों का समय समय पर ऑडिट किया जाएगा और वे उनके काम के आधार पर तय किया जाएगा कि उन्हें आगे पंजीकृत करना है या नहीं. ग्लोबल रीच के रवि लोचन एक ऐसे ही शिक्षा एजेंट हैं जिन्हें ऑस्ट्रेलिया ने पंजीकृत किया. वे मानते हैं कि यह इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव है. कमियों को दूर कर लिया गया है और संदेश साफ है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों का स्वागत है लेकिन अच्छी गुणवत्ता वाले कॉलेजों में पढ़ने आने वाले छात्रों का जिनका उद्देश्य शिक्षा पाना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ आभा मोंढे

संपादनः ए जमाल