एश्टन मार्टिन की यह स्पोर्ट्स कार उड़ सकती है
१९ जुलाई २०१८लग्जरी स्पोर्ट्स कार बनाने वाली एश्टन मार्टिन ने तीन सीटों वाली जो गाड़ी पेश है, वह वास्तव में एक छोटा सा जहाज है जिसे "आसमान के लिए स्पोर्ट्स कार" कहा जा रहा है. इसमें जमीन से सीधे ऊपर उठने और उतरने की सुविधा है यानी रनवे के बगैर भी यह उड़ान भर लेगी. रफ्तार इसकी करीब 322 किलोमीटर प्रतिघंटे है यानी दिल्ली से लुधियाना महज एक घंटे में पहुंचा जा सकता है. कार के लिहाज से देखें तो यह दूरी कम से कम पांच घंटे में तय होगी.
विमानन और तकनीक जगत के दिग्गज बिजली से चलने वाली फ्लाईंग टैक्सी बनाने की जुगत में लगे हुए हैं. इनमें एयरबरस, ऊबर और कई स्टार्टअप शामिल हैं. इनमें एक किट्टी हॉक नाम का स्टार्टअप भी है जिसे गूगल के सहसंस्थापक लैरी पेज सहयोग दे रहे हैं.
एश्टन मार्टिन का मानना है कि भविष्य में लग्जरी विमानों की दुनिया में वह अपने लिए एक बाजार बना सकती है. एश्टन मार्टिन की सिमोन स्प्रूले का कहना है, "आज जैसे ऊबर और एश्टन मार्टिन हैं वैसे ही भविष्य आकाश में ऊबर और आकाश में एश्टन मार्टिन होंगे. उन्होंने यह संकेत भी दिया कि यह गाड़ी सस्ती नहीं होगी. सिमोन ने कहा, "निश्चित रूप से यह एक लग्जरी का सामान है, यह आसमान के लिए स्पोर्ट्स कार है तो जाहिर है कि इसकी कीमत भी उसी तरह से होगी यानी कि निश्चित रूप से सात अंकों में."
लड़ाकू विमान का अहसास
कंपनी ने कंसेप्ट कार बनाने के लिए क्रेनफील्ड यूनिवर्सिटी, क्रेन फिल्ड एयरोस्पेस सॉल्यूशंस और ब्रिटिश जेट इंजिन बनाने वाली कंपनी रोल्स रॉयस के साथ मिल कर काम किया है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस स्वचालित सुविधाएं भी डाली गई हैं. रोल्स रॉयस से जुड़े डेविड डेबने का कहना है, "यह ऐसा महसूस होता है जैसे कोई लड़ाकू विमान हो लेकिन उसके साथ ही इसमें एश्टन मार्टिन की लग्जरी सुविधाएं भी हैं."
गाड़ी कैसे चलानी है इसके बारे में सवाल पूछने पर क्रेनफील्ड की हेलेन एटकिंसन ने कहा, "आपको पता लगाना होगा कि बाहरी वातावरण में क्या हो रहा है और फिर उसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस एक बेहद तेज कंप्यूटर सिस्टम को ऑन करना होगा जो इस तरह से बनाया गया है कि वह जरूरी स्तर की ऑटोनोमी को हासिल कर ले."
फार्नबोरो के एयरशो में रोल्स रॉयस ने अलग से फ्लाईंग टैक्सी की योजना भी पेश की जो चार से पांच लोगों को लेकर करीब 400 किलोमीटर की रफ्तार से 750 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकेगी. कंपनी का कहना है कि वह इस प्रोजेक्ट के लिए सहयोगियों की तलाश शुरू कर रही और अगले दशक में इसे लॉन्च कर देगी.
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)