एक सऊदी ट्रांसजेंडर ने खुल कर कही अपनी बात
५ दिसम्बर २०१६सऊदी अरब में अगर किसी के ट्रांसजेंडर होने का पता चल जाए तो इसके लिए जेल और कोड़े मारने की सजा हो सकती है. लेकिन महिलाओं अधिकारों के काम करने वाली संस्था ट्रस्ट विमिन के मंच से लंदन में पहली बार अल-दुखेल ने दुनिया को अपनी कहानी बताई.
वह बताते हैं, "जब 28 साल पहले मैं पैदा हुआ तो मेरा नाम सलमान नहीं, सलमा था. मेरा जन्म एक लड़की के रूप में हुआ था." सऊदी माता पिता की संतान अल-दुखेल की परवरिश अमेरिका और सऊदी अरब में हुई. वह अब शिकागो में रहते हैं जहां बिजनस की पढ़ाई कर रहे हैं.
वह पांच भाई-बहनों में वह सबसे छोटे हैं. किशोर अवस्था में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को अपने ट्रांसजेंडर होने के बारे में बताया. परिवार वालों ने उनका साथ दिया. उनका हार्मोन ट्रीटमेंट हुआ और उन्होंने सर्जरी भी कराई. वह कहते हैं, "मैंने महसूस किया कि इस तरह के तो और भी लोग हैं."
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अल-दुखेल कहते हैं कि उन्होंने अपनी पहचान इसलिए सार्वजनिक की है ताकि ऐसे अन्य लोगों को इससे मदद मिल सके. वह कहते हैं, "अगर मैं एक व्यक्ति की भी मदद कर पाऊं, मेरे अनुभवों का फायदा अगर किसी एक इंसान को भी हो सकता है, क्यों नहीं?"
सऊदी अरब में ट्रासंजेंडरों के खिलाफ कोई कानून नहीं है, लेकिन वहां महिलाओं के कपड़े पहनने पर कई पुरुषों को गिरफ्तार किए जाने के मामले सामने आए हैं. मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि सऊदी अरब में महिलाओं की तरह व्यवहार करने वाले पुरुषों को जेल भेजा गया है.
सऊदी अरब में समलैंगिकता गैरकानूनी है और इसके लिए मौत की सजा का प्रावधान है. समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों की अंतरराष्ट्रीय संस्था आईएलजीए का कहना है कि अब भी दुनिया के 72 देशों में समलैंगिक यौन संबंध बनाना गैरकानूनी हैं. ट्रांसजेंडर यूरोप नाम की संस्था का कहना है कि समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव में कमी आई है लेकिन कुछ देशों में उनके लिए अपनी पहचान जाहिर करना अब भी जान जोखिम में डालने की तरह है. इस संस्था के मुताबिक 2008 से 2015 के बीच विभिन्न देशों में दो हजार से ज्यादा ट्रांसजेंडरों की हत्या की गई है. ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि मलेशिया, कुवैत और नाइजीरिया जैसे देशों में ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ कानून हैं.
एके/वीके (रॉयटर्स)