उभरती अर्थव्यवस्थाओं को अहमियत
२६ सितम्बर २००९जी20 देशों में हुई इस सहमति के बाद अब यह समूह अब से जी8 देशों की भूमिका निभाने लगेगा. हालांकि इस बारे में औपचारिक घोषणा अभी नहीं की गई है. पीट्सबर्ग में जी20 देशों की दो दिवसीय बैठक में सभी नेता आश्वस्त दिखे कि हाल के दशकों के दशकों के सबसे गंभीर वित्तीय संकट से पार पा लिया गया है. हालांकि जी20 का मानना है कि वित्तीय क़ानूनों को बनाने और बाज़ार को स्थिर करने के लिए अभी काफ़ी कुछ किया जाना बाक़ी है.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि मज़बूत, स्थायी और संतुलित विकास के लिए मिलजुल कर एक नई रूपरेखा तय की गई है. प्रमुख देशों को एक दूसरे की आर्थिक नीतियों का आकलन करने की अनुमति मिल गई है. बैठक में वित्तीय बाज़ार में आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को वापस न लेने पर भी सहमति हुई है. ये पैकेज तब तक बने रहेगें जब तक आर्थिक हालात सामान्य नहीं हो जाते.
आईएमएफ़ में चीन
ओबामा के अनुसार नए वित्तीय नियमों पर सहमति हुई है जिसके बाद कुछ व्यक्तियों की लापरवाही से पूरी दुनिया में वित्तीय संकट पर ख़तरा दोबारा नहीं मंडराएगा. बैंकिंग सैक्टर में कर्मचारियों को भारी भरकम बोनस से पहले लंबे समय तक अपना बढ़िया काम साबित करना होगा. बैंकिंग क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर आरोप थे कि बोनस के लिए उन्होंने जोखिम भरे कई फ़ैसले लिए जिससे वित्तीय संकट का ख़तरा पनपा.
जी20 बैठक में एक समझौते की भी घोषणा हुई जिसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) में वोटिंग का संतुलन चीन जैसे उभरते देशों के पक्ष में हो जाएगा. वोटिंग के लिए 5 प्रतिशत कोटा अब उन देशों को मिला है जिनका आईएमएफ में प्रतिनिधित्व कम है.
विश्लेषकों का मानना है कि यह एक संकेत है कि बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की अहमियत समझ रही हैं और उन्हें अहम मुद्दों पर साथ लेकर चलने का प्रयास कर रही हैं.
आईएमएफ़ में 186 सदस्य देश हैं. आईएमएफ़ ज़रुरतमंद देशों को कर्ज़ उपलब्ध कराता है लेकिन इसके बदले कर्ज़ लेने वाले देशों को अपनी नीतियों में कुछ बदलाव करने होते हैं. फ़िलहाल चीन के आईएमएफ़ में 3.7 फ़ीसदी वोट हैं और फ़्रांस के 4.9 फ़ीसदी जबकि चीन की अर्थव्यवस्था फ़्रांस की तुलना में 50 प्रतिशत बड़ी है. आईएमएफ़ की अब तक आलोचना होती रही है कि यह एक विकसित देशों का संगठन है जहां विकासशील देशों के लिए मुश्किल क़ानून बनाए जाते हैं. इसीलिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं को और वोट देना एक महत्वपूर्ण निर्णय है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एस गौड़
संपादनः आभा मोंढे