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'रहस्यमयी बीमारी' से कई बच्चों की मौत

१ सितम्बर २०२१

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक रहस्यमयी बीमारी ने पिछले 10 दिनों में कम से कम 32 बच्चों की जान ले ली है. प्रशासन अभी भी इस बीमारी की पहचान करने में जूझ रहा है. ऐसे में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.

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तस्वीर प्रतीकात्मक हैतस्वीर: Imago Images/Hindustan Times/S. Khanna

आगरा से करीब 35 किलोमीटर दूर बसे फिरोजाबाद में इस बीमारी से मरने वाले बच्चों और वयस्कों की अलग अलग मीडिया रिपोर्टों में अलग अलग संख्या दी गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार मरने वालों की कुल संख्या 53 हो गई है, जिनमें कम से कम 45 बच्चे हैं. प्रशासन को शक है कि यह डेंगू का असर है, लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.

प्रकोप इतना बुरा है कि शहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इस समय कम से कम 185 बच्चे भर्ती हैं. बताया जा रहा है कि शहर के लगभग सभी सरकारी और निजी अस्पताल मरीजों से भर गए हैं.

फिरोजाबाद में बुरा हाल

आगरा डिवीजनल कमिश्नर अमित गुप्ता ने मीडिया को बताया कि फिरोजाबाद में बीते एक हफ्ते में करीब 40 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसका प्राथमिक कारण डेंगू लग रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे कारणों का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

पूरे राज्य के स्कूलों में एक सितंबर से कक्षा एक से पांचवीं तक को खोलने की योजना थी, लेकिन फिरोजाबाद में बीमारी के प्रकोप की वजह से जिला प्रशासन ने स्कूलों को बंद ही रखने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 अगस्त को फिरोजाबाद दौरे पर गए थे और स्थिति से निपटने की तैयारी का जायजा लिया था.

स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में लक्षणों की शुरुआत बुखार, दस्त और उल्टियों से होती है. बच्चों की कोविड जांच भी की जा रही है लेकिन अभी तक इनमें कोविड का कोई मामला सामने नहीं आया है.

कई जगह से मौतों की खबर

बताया जा रहा है कि पास ही में स्थित मथुरा से भी कुछ लोगों की मौत की खबर आई थी लेकिन इनके लिए स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी को जिम्मेदार पाया गया. यह भी डेंगू की ही तरह एक वेक्टर जनित बीमारी होती है लेकिन यह वायरस की जगह बैक्टीरिया की वजह से होती है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर इलाका जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी के प्रकोप की वजह से सालों से बदनाम है. वहां हर साल कई बच्चों की इस बीमारी के कारण मौत हो जाती है, लेकिन फिरोजाबाद के लिए मौजूदा संकट एक नई समस्या है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की स्थिति यहां पहले कभी नहीं देखी गई.

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