उत्तराखंड में खंडूरी हटाओ मुहिम तेज
११ अगस्त २००८रविवार को इन विधायकों ने नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इसके बाद राजनाथ ने दावा किया है कि सरकार को कोई ख़तरा नहीं है.
उत्तराखंड में डेढ़ साल पहले सत्ता में आयी भारतीय जनता पार्टी की सरकार डांवाडोल नज़र आ रही है. मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की कुर्सी भी डगमगा रही है. इसे हिलाने पर तुले हैं बीजेपी के ही अधिकांश विधायक जिनका आरोप है कि मुख्यमंत्री की कार्यशैली से राज्य़ में विकास के काम ठप हो गए हैं. आरोपों की एक लंबी फेहरिस्त के साथ पार्टी के 26 विधायक आलाकमान के पास दिल्ली पहुंचे. इनकी अगुवाई उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी कर रहे हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री का ताज मिलते मिलते रह गया था और वह तब से नाराज़ बताए जाते हैं.
उत्तराखंड की 71 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी के 36 विधायक हैं. स्पीकर भी उसी का है. एक मनोनीत विधायक और मुख्यमंत्री को छोड़ दें तो संख्या है 34. इनमें से कोश्यारी समेत 26 विधायक पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलने गए. राज्य कांग्रेस इसे बीजेपी में फूट का आगाज़ मान रही है. आनन फानन में उसने बीजेपी के नाराज़ धड़े के लीडर कोश्यारी को सरकार बनाने में मदद की पेशकश भी कर दी है. नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत कहते है कि अगर उन्हें राज्य की सचमुच चिंता है तो पार्टी से बाहर आएं और सरकार बनाएं. कांग्रेस बाहर से समर्थन करेगी
मुख्यमंत्री खंडूरी भी सरकारी दौरे पर दिल्ली में हैं. आज उनकी केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल से राज्य के सुऱक्षा हालात पर मुलाकात होनी है. इस बैठक से इतर वह अपनी कुर्सी पर मंडरा रहे ख़तरे की काट के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे. समझा जाता है कि खंडूरी पर लाल कृष्ण आडवाणी का हाथ है तो कोश्यारी राजनाथ सिंह के चहेते हैं.