ईयू के 8 नए सदस्यों के लिए श्रम बाजार खुला
१ मई २०११एस्तोनिया, लिथुएनिया, लाटविया, पोलैंड, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, हंगरी और चेक गणतंत्र के लोगों के लिए 7 साल की यूरोपीय संघ की सदस्यता के बाद श्रम बाजार की बराबरी की दिशा में लंबी छलांग है. अब उन्हें संघ के पुराने सदस्य देश जर्मनी में काम करने के लिए वर्क परमिट नहीं लेना होगा. इन देशों में साढ़े सात करोड़ लोग रहते हैं. वहां से हर साल एक लाख प्रवासियों के आने की उम्मीद की जा रही है.
जर्मनी ने यूरोपीय संघ में कामगारों के मुक्त प्रवाह को जर्मनी के लिए संभावना बताया है. सरकार को लगता है कि प्रशिक्षित प्रवासियों के आने से अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में कामगारों की कमी को दूर किया जा सकेगा.
इसके विपरीत ट्रेड यूनियनों को आशंका है कि नए लोगों की भर्ती सस्ते कामगारों के रूप में की जाएगी और उसके साथ वेतन को नीचे ले जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जर्मन ट्रेड यूनियन महासंघ डीजीबी इसे रोकने के लिए साढ़े 8 यूरो प्रति घंटे न्यूनतम वेतन और कपंनी के स्थायी तथा टेंपरेरी कर्मचारियों को समान वेतन देने की मांग कर रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार