इतिहास में आज: 26 जून
२५ जून २०१३पहला कारण तो यह कि "मैं बर्लिन वाला हूं", ऐसा कह कर वे दीवारों में घिरे पश्चिम बर्लिन के लोगों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते थे और बताना चाहते थे कि वे अपने को अकेला महसूस न करें. दूसरे यह कि जर्मन भाषा में बर्लिनर एक तरह के ब्रेड का नाम है. इस कारण यह बात मजाक बन गई.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और सोवियत यूनियन के कब्जे में था. 1963 में अपने इस भाषण से अमेरिका ने स्पष्ट रूप से यह संदेश सामने रखा था कि वह लोकतांत्रिक बर्लिन के साथ है. सोवियत संघ के प्रभाव वाले पूर्वी जर्मनी की कम्युनिस्ट पार्टी ने 1961 में पूर्वी जर्मनी से बर्लिन की ओर लोगों के पलायन को रोकने के लिए बर्लिन की दीवार खड़ी कर दी. हालांकि उन्होंने इसका कारण यह बताया था कि वे पश्चिमी जर्मनी से हो रही जासूसी से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं, लेकिन असल कारण काफी स्पष्ट था.
अमेरिका पर इस बात का भी दबाव था कि वह बर्लिन दीवार को बनने से रोकने में कोई भूमिका नहीं निभा पाया. इस समय आधिकारिक तौर पर बर्लिन चारों विजयी ताकतों के प्रभाव में था. केनेडी के इस भाषण ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पूर्वी बर्लिन जर्मनी के दूसरे पूर्वी हिस्सों की तरह सोवियत संघ के अधिकार में है और अमेरिका का समर्थन पश्चिमी बर्लिन को है.