इतिहास में आज: 18 दिसंबर
१७ दिसम्बर २०१३एक हफ्ते से जारी हवाई हमलों के बाद जापानी राजदूत और हांग कांग के ब्रिटिश गवर्नर की मुलाकात हुई. उस दौरान हांग कांग पर ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन था. जापानी राजदूत का संदेश साफ था कि ब्रिटिश सेना जापान के सामने सरेंडर कर दे. हालांकि हांग कांग के गवर्नर और सैनिक कमांडर ने जापान की बात मानने से इनकार कर दिया और उन्हें बैरंग लौटा दिया.
इसके बाद जापानी सेना की पहली टुकड़ी गोला बारूद के साथ वहां पहुंची. हांग कांग में जापानी सैनिक कत्लेआम और तांडव पर उतर आए. रॉयल मेडिकल कॉर्प्स जैसे विरोध नहीं करने वाले संगठनों को भी बख्शा नहीं गया और लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. कुछ ही दिनों में जापानी सेना ने जलाशयों पर कब्जा कर लिया जिसके बाद चीनी और ब्रिटिश नागरिकों की धीमी मौत का सिलसिला चल पड़ा. प्यास से मर रहे अपने नागरिकों को देख ब्रिटिश सरकार ने हांग कांग की कमान जापान को सौंप दी.