इतिहास में आज: 12 दिसंबर
११ दिसम्बर २०१३11 दिसंबर 1911 को ब्रिटिश सरकार ने दिल्ली दरबार का आयोजन किया था. दरबार का आयोजन बुराड़ी में हुआ था जो कि दिल्ली शहर से बाहर था. दरबार के लिए खास इंतजाम किए गए थे. देश के कोने कोने से राजा, महाराजा और उनकी महारानियां पहुंचीं थीं.
हजारों लोगों की मौजूदगी में ब्रिटेन के सम्राट जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली लाने की घोषणा की. 1911 की उस ऐतिहासिक घोषणा के बाद अंग्रेजों ने नई दिल्ली की नींव रखी और इस शहर को देश की राजधानी बनाने का काम शुरू हुआ.
लेकिन दिल्ली का अपना इतिहास 3000 साल पुराना है. माना जाता है कि पांडवों ने इंद्रप्रस्थ का किला यमुना किनारे बनाया था, लगभग उसी जगह जहां आज मुगल जमाने में बना पुराना किला खड़ा है. हर शासक ने दिल्ली को अपनी राजधानी के तौर पर एक अलग पहचान दी, वहीं सैकड़ों बार दिल्ली पर हमले भी हुए.
13वीं शताब्दी में गुलाम वंश के कुतुबुद्दीन ऐबक और उसके बाद इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार बनाया जो आज भी दिल्ली के सबसे बड़े आकर्षणों में से है. कुतुब मीनार को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी घोषित किया है. दिल्ली कुल आठ शहरों को मिलाकर बनी है.