इतिहास में आजः 29 जनवरी
२८ जनवरी २०१४इन बीते सालों में भारतीय मीडिया में बहुत से बदलाव हुए. राष्ट्रीय अखबारों की जगह क्षेत्रीय अखबारों ने ली तो टीवी न्यूज चैनलों का भी बहुत विस्तार हुआ. अब खबर पढ़ने, देखने या फिर सुनने के लिए पाठकों या दर्शकों के पास अनेक विकल्प मौजूद हैं. लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलता है कि एक जमाने में न तो प्रेस को इतनी आजादी थी और न ही पाठकों के पास इतने विकल्प थे.
भारत का पहला अखबार 29 जनवरी 1780 को एक अंग्रेज जेम्स अगस्ट्न हिकी ने कोलकाता से निकाला. इसका नाम बंगाल गजट था और इसे अंग्रेजी में निकाला गया. इसे हिकीज गजट भी कहा जाता है. यह चार पृष्ठों का अखबार हुआ करता था और सप्ताह में एक बार प्रकाशित होता था.
हिकी भारत के पहले पत्रकार थे जिन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता के लिये ब्रिटिश सरकार से संघर्ष किया. हिकी ने बिना डरे अखबार के जरिए भ्रष्टाचार और ब्रिटिश शासन की आलोचना की. हिकी को अपने इस दुस्साहस का अंजाम भारत छोड़ने के फरमान के तौर पर भुगतना पड़ा था.
ब्रिटिश शासन की आलोचना करने के कारण बंगाल गजट को जब्त कर लिया गया था. 23 मार्च 1782 को अखबार का प्रकाशन बंद हो गया. इस तरह भारत में मुद्रित पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय हिकी को ही जाता है.