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इतिहास में आजः 13 जनवरी

११ जनवरी २०१४

करीब सौ साल पहले किसी को विश्वास नहीं होता था कि मनुष्य कभी पृथ्वी को छोड़कर चांद पर जा सकेगा. एक मशहूर अखबार ने तो कह भी दिया कि रॉकेट कभी उड़ नहीं सकते.

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Raumfahrt Nasa will neue Schwerlast-Trägerrakete ab 2018 Space Launch System
तस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA

13 जनवरी 1920 को न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में खास तौर से लिखा कि रॉकेट कभी उड़ नहीं सकते. इससे पहले रॉबर्ट गोडार्ड नाम के वैज्ञानिक का एक रिसर्च आधारित लेख छपा था. इसमें उन्होंने एक ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया का वर्णन किया था जिससे रॉकेट में बैठकर मनुष्य पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण को तोड़ कर बाहर जा सकता है. इस लेख को आज अंतरिक्ष यात्रा को संभव करने वाले सबसे अहम शोधों में गिना जाता है.

इस लेख के छपने के एक ही दिन बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक बेनाम संपादकीय में लिखा कि रॉकेट में वैज्ञानिक यंत्रों को लेकर जाना नामुमकिन है. लेखक का कहना था कि अंतरिक्ष में वेक्यूम होने की वजह से वहां उड़ना असंभव है. अखबार का मानना था कि अगर रॉकेट को धकेलने के लिए हवा नहीं है, तो वह उड़ भी नहीं सकेगा.

कुछ वक्त बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने इस दावे को वापस ले लिया लेकिन गोडार्ड पर वैज्ञानिक भी विश्वास नहीं करना चाहते थे. गोडार्ड को अमेरिकी नौसेना के साथ करार करने का मौका मिला लेकिन उनके पास शोध के लिए पैसे नहीं थे. इसका फायदा जर्मन तकनीक को हुआ, जिसके वैज्ञानिकों ने वी 2 रॉकेट बनाया. कहा जाता है कि सोवियत रूस के कुछ जासूसों को गोडार्ड की रिपोर्टें मिलीं और उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने रॉकेट कार्यक्रम के लिए किया था.