इंटरनेट में कैसे रहें सतर्क
आप इंटरनेट में इस वक्त इस वेबसाइट पर ये तस्वीरें देख रहे हैं, यह बात सिर्फ आप ही नहीं जानते. इंटरनेट में मौजूद हैकर भी आपको यह करते देख रहे हैं. जानिए कैसे रहें इंटरनेट में सतर्क.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए ने केवल अमेरिकी नागरिकों और नेताओं की ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोगों की जासूसी की. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के मोबाइल फोन की जासूसी पर काफी बवाल खड़ा हुआ.
फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के पास आपकी अलग अलग जानकारी होती है. पूरी जानकारी को कंपनी का हर सदस्य नहीं देख सकता है. उनके पास आपका नियमित डाटा होता है, वे आपके मेसेज नहीं खोल सकते हैं.
लेकिन जब खुफिया एजेंसी के पास आपके कंप्यूटर पर चल रहे माइक्रोसॉफ्ट प्रोसेसर से लेकर आपके गूगल, फेसबुक और दूसरे अहम अकाउंट की जानकारी होती है तो उनके पास सब कुछ होता है.
इन एजेंसियों के पास ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं कि वे जब चाहें आपके कंप्यूटर से खुद अपने कंप्यूटर को जोड़ कर आपकी हर हरकत का पता कर सकते हैं.
हालांकि अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित कानून के अनुसार केवल जिस व्यक्ति पर शक है, उसके अकाउंट से जुड़ी जानकारी के लिए खुफिया एजेंसी को पहले अदालत से अनुमति लेनी होती है. इसके आधार पर उन्हें इंटरनेट कंपनियां सर्वर तक की पहुंच देती हैं.
थोड़ी बहुत इंटरनेट जासूसी सभी देशों की सरकार करती है. यह देश की सुरक्षा के लिए अहम भी है. इसमें कंप्यूटर के डाटा के साथ साथ आपके फोन की सारी जानकारी भी मौजूद है.
बड़े कैमरे से कोई आप पर नजर रखे तो आप उस से बच भी सकते हैं, लेकिन जासूसी ऐसे स्तर पर हो रही है कि आईक्लाउड और एयर एंड्रॉयड जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी सुरक्षित नहीं है.
ऐसा नहीं है कि ये मामले यहीं थम जाएंगे. ऐसे सिस्टम की कमी है जो निजता को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए आश्वस्त कर सके.