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आर्थिक संकट में कम बच्चे

११ जुलाई २०१३

नौकरी नहीं तो बच्चा नहीं. विश्व की आबादी बूढ़ी हो रही है तो एक नए सर्वे के अनुसार आर्थिक संकट और बढ़ती बेरोजगारी के कारण यूरोप के कुछ देशों में जन्मदर में तेज गिरावट आई है.

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तस्वीर: Fotolia/philipus

आर्थिक संकट यूरोप के युवा लोगों की बच्चों की इच्छा पूरी करने की राह में बाधा बन रहा है. जर्मन शहर रॉस्टॉक के माक्स प्लांक आबादी शोध संस्थान के एक सर्वे का कहना है कि यूरोप के अलग अलग देशों में जितनी ऊंची बेरोजगारी दर रही, महिलाओं ने उतने ही कम बच्चे पैदा किए. युवा जोड़ों के परिवार बसाने के मामलों में भी कमी आई.

आर्थिक संकट का एंटी बेबी असर सबसे ज्यादा स्पेन में देखा गया. रिपोर्ट का कहना है कि आर्थिक संकट ने एक सकारात्मक रुझान को रोक दिया है क्योंकि बहुत से यूरोपीय देशों में पिछले सालों में जन्म दर फिर से बढ़ रही थी. जर्मनी में जहां बेरोजगारी दर लगातार घट रही है, इसलिए यहां आर्थिक संकट का कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया.

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टलता परिवार बसाने का इरादातस्वीर: picture-alliance/dpa

बेरोजगारी दर से नाता

माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के रिसर्चरों ने यह सर्वे डेमोग्राफिक रिसर्च पत्रिका के लिए था, जिसके दौरान 2001 से 2010 तक के आंकड़ों का आकलन किया गया. कुछ देशों के मामले में 2011 तक के आंकड़े उपलब्ध थे. इस सर्वे के अनुसार 28 यूरोपीय देशों में प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या उतनी ही तेजी से गिरी जितनी तेजी से बेरोजगारी बढ़ी. रिसर्ट में शामिल माषाएला क्राएनफेल्ड ने कहा कि संकट ने जन्मदर में वृद्धि का रुझान रोक दिया.

स्पेन में प्रति महिला बच्चों की संख्या 2001 के 1.24 से लगातार बढ़कर 2008 में 1.47 हो गई. लेकिन 2008 में आर्थिक संकट शुरू होने के बाद 2009 में यह संख्या घटकर 1.4 हो गई. इस अवधि में बेरोजगारी दर 2008 के 8.3 फीसदी से बढ़कर 2009 में 11.3 फीसदी हो गई. 2011 में स्पेन प्रति महिला बच्चों की संख्या सिर्फ 1.36 रह गई.

इसी तरह की रुझान क्रोएशिया, हंगरी, आयरलैंड और लाटविया में भी दिखी, खासकर 25 साल से कम उम्र के जोड़ों में. क्राएनफेल्ड कहती हैं कि यदि युवा लोगों को नौकरी नहीं मिलती तो वे परिवार बसाने के इरादे को टाल देते हैं. इसका असर पहले बच्चे के जन्म पर होता है.

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रोजगार दफ्तर के सामने लगी भीड़तस्वीर: picture-alliance/dpa

सबसे बड़ा सवाल

आर्थिक कारक जन्म दर को किस तरह प्रभावित करते हैं, यह सवाल माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के अनुसार जनसंख्या रिसर्च के सबसे बड़े अनुत्तरित सवालों में शामिल है. क्राएनफेल्ड का कहना है कि ताजा सर्वे मौजूदा यूरोप के लिए दिखाता है कि किसी भी देश की बेरोजगारी दर गर्भवती होने की तैयारी पर असर डालती है. बेरोजगारी दर में एक फीसदी की वृद्धि होने से 20 से 24 साल की महिलाओं में बच्चे पैदा करने की दर 0.1 फीसदी और दक्षिण यूरोप में 0.3 फीसदी की कमी आती है.

चेक गणतंत्र, पोलैंड, ब्रिटेन या इटली में माक्स प्लांक के स्टडी के अनुसार बढ़ती जन्मदर रुक गई. रूस या लाटविया जैसे देशों में इसका बहुत असर नहीं दिखा. जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में भी कोई खास असर नहीं देखा गया. इस देशों में पिछले सालों में बेरोजगारी दर या तो नहीं बढ़ी है या बहुत थोड़ी बढ़ी है. जर्मनी में उसमें कमी आई है.

एमजे/एएम (डीपीए)

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