आर्थिक ज़िम्मा निभाएं यूरोपीय संघ के सदस्य: मैर्केल
१ मई २०१०बीच जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्कल ने कहा है कि उन यूरोपीय संघ देशों के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लगाने चाहिए जिन्होंने अपनी आर्थिक ज़िम्मेदारी को ठीक तरह नहीं निभाया है.
शनिवार को लगभग 12,000 लोगों ने सरकार के कार्यक्रमों के खिलाफ प्रदर्शन किए. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें होने की ख़बर है. प्रदर्शनकारियों ने कचरे के डब्बों को आग लगा दी और बड़े होटलों की खिड़कियों पर पत्थर फैंके. पुलिस ने संसद के सामने पत्थर फेंकने वाले लोगों को तितर बितर करने के लिए उन पर आंसू गैस छोड़ी. लगभग 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ग्रीस की सरकार एक बचत कार्यक्रम का एलान करने वाली है जिसके तहत सरकार अपने उधार चुकाने की कोशिश करेगी. ग्रीस ने यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ़ से 120 अरब डॉलर की आर्थिक मदद ली है.
रविवार रात को ग्रीस के मंत्रीमंडल की बैठक के बाद सरकार आर्थिक स्थिति को लेकर अपने अंतिम फैसलों का एलान करेगी. इसके बाद ग्रीस के अधिकारी यूरोज़ोन देशों के साथ सुधारों को लेकर और चर्चा करेंगे.
आम लोगों का मानना है कि इन फैसलों से गरीबों को नुकसान होगा. एक स्कूल अध्यापक ने कहा, "इन फैसलों से आम ग्रीक नागरिक को बहुत पेरशानी होगी, हमें सबके लिए खर्च उठाने होंगे, अमीरों को नहीं." उधर ग्रीस के प्रधानमंत्री गियोरगियोस पापांद्रेऊ ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक खर्चे में कटौती देश के लिए ज़रूरी है. ग्रीस की सरकार कटौती के ज़रिए 24 अरब यूरो बचाना चाहती हैं. देश का बजट घाटा सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 14 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
उधर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्कल ने कहा है कि यूरो के बारे में यूरोपीय संघ की स्थिरता संधि को तोड़ने वाले देशों पर और कड़ी पाबंदी की ज़रूरत है. उन्होंने पत्रिका बिल्ड औम ज़ोनटाग में कहा, "भविष्य में ऐसा संभव होना चाहिए, कम से कम अस्थायी तौर पर, कि जो देश मु्द्रा नीति का सम्मान नहीं करती, यूरोग्रुप के मुद्दों में उससे वोट करने का अधिकार छीन लिया जाए." मैर्केल ने कहा कि वर्तमान संकट से हमें सीखने की ज़रूरत है ताकि यूरो को स्थिर रखा जा सके.
रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादनः आभा मोंढे