आबादी बदलेगी दुनिया की तस्वीर
१४ जून २०१३संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया की आबादी पर अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की है. संयुक्त राष्ट्र ने आंकड़े जुटाने के अलग अलग मॉडलों के आधार पर कहा है कि अगली सदी की शुरूआत तक धरती पर इंसानों की तादाद 16.6 अरब तक भी जा सकती है या फिर घट कर 6.8 अरब तक भी आ सकती है. दोनों ही मामलों में दुनिया के गरीब इलाकों में आबादी का बहुत तेजी से बढ़ना तय है.
गरीब देशों में रहने वाले लोगों की संख्या इस समय 89.9 के करीब है संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि 2050 तक इन देशों में 1.8 अरब लोग होंगे. साल 2100 तक लोगों की तादाद 1.28 अरब तक पहुंचने के आसार हैं. संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक और सामाजिक मामलों के उपसचिव वू होंगबो ने बयान जारी कर कहा है, "हालांकि दुनिया भर में आबादी बढ़ने की रफ्तार कम हुई लेकिन यह रिपोर्ट हमें बता रही है कि कुछ विकासशील देश, खासतौर से अफ्रीका में यह अब भी बहुत तेजी से बढ़ रही है."
विकसित देशों में स्थिति इससे बिल्कुल अलग रहेगी वहां इस सदी के आखिर तक आबादी में मोटे तौर पर ज्यादा बदलाव नहीं आएगा. उम्मीद की जा रही है कि 1.25 अरब की मौजूदा आबादी मामूली बढ़त के साथ 1.28 अरब तक जाएगी. रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि विकसित देशों में अगर गरीब देशों से प्रवासी नहीं आए तो बहुत से देशों की आबादी घटेगी. 2013 से 2050 तक के लिए इसका हर साल के लिए औसत 24 लाख बताया गया है.(रातों रात 15 लाख घटी जर्मन आबादी)
रिपोर्ट ने दुनिया में बुजुर्गों की बढ़ती तादाद की ओर भी ध्यान दिलाया है. इस समय दुनिया की आबादी में 23 फीसदी लोग बूढ़े हैं. आबादी में उनकी हिस्सेदारी 2050 तक बढ़ कर 32 फीसदी होने की उम्मीद है. 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग दुनिया में 2100 तक 3 अरब हो जाएंगे. विकासशील देशों में रहने वाले बुजुर्ग 2050 तक दोगुने से ज्यादा हो जाएंगे और 2100 तक तीन गुने. इंसानों की औसत आयु भी बढ़ रही है. 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की संख्या अगली सदी तक बढ़ कर 83 करोड़ हो जाएगी. फिलहाल इतनी उम्र वाले बुजुर्ग दुनिया में 12 करोड़ हैं जो 2050 तक 39.2 करोड़ हो जाएंगे. इनमें से 68 फीसदी बुजुर्ग 2050 तक विकासशील देशों में होंगे.
हैरान करने वाली बात यह है कि आबादी भले ही बढ़ रही हो लेकिन इंसानों की प्रजनन दर दुनिया भर में घट रही है. इनमें सबसे ज्यादा कमी विकसित देशों में आने का अनुमान लगाया गया है. मौजूदा 4.53 बच्चे प्रति महिला से घट कर 2050 में 2.87 पर पर पहुंच जाएगी. सदी का अंत होते होते इसके और घट कर 1.93 पर पहुंचने का अनुमान है. कम प्रजनन दर वाले देशों में चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, जापान और वियतनाम सबसे ऊपर हैं.
चीन को पीछे छोड़ेगा भारत
संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख बातों में चीन का भारत से पीछे छूटना भी शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक 2028 तक भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा. उस वक्त दोनों देशों के पास करीब 1.45 अरब की आबादी होगी. भारत इसके बाद के दशकों में भी आबादी बढ़ाता रहेगा और करीब 1.6 अरब तक जाएगा. इसके बाद आबादी घटनी शुरू होगी और अगली सदी आते आते यह घट कर 1.5 अरब तक पहुंच जाएगी. उधर चीन की आबादी 2030 तक घटनी शुरू होगी 2100 तक घट कर 1.1 अरब रह जाएगी.
एनआर/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)