आतंकवाद भारत से भी बड़ा खतरा: आईएसआई
१८ अगस्त २०१०आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 63 वर्षों में पहली बार आईएसआई ने माना है कि पाकिस्तान के लिए मुख्य खतरा इस्लामपंथी उग्रवादियों की ओर से पैदा हो रहा है. अखबार के अनुसार इस आकलन में कहा गया है कि दो-तिहाई खतरा भारत या किसी अन्य देश से नहीं, बल्कि आतंकवाद से पैदा हो रहा है.
जार्जटाउन विश्वविद्यालय के आतंकवाद विशेषज्ञ प्रोफेसर ब्रूस हॉफ़मैन का कहना है कि यह आईएसआई के दृष्टिकोण में आमूल परिवर्तन का सूचक है. इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान न सिर्फ़ अपनी घरेलू समस्याओं को स्वीकार कर रहा है, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में सहयोग की ज़रूरत पर भी उसका ध्यान जा रहा है.
बहरहाल, समाचार पत्र की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि आईएसआई के इस आकलन को सेना व सरकार पूरी तरह से स्वीकार करती हैं या नहीं. साथ ही, अभी देखना बाकी है कि सेना की तैनाती व चरमपंथियों के खिलाफ पाकिस्तान के संघर्ष पर इस रिपोर्ट का क्या प्रभाव पड़ता है. इसे कुल मिलाकर आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों की सोच का सूचक माना जा सकता है. आम तौर पर सेना के रिटायर्ड अफसर आईएसआई के ऊंचे पदों पर होते हैं.
लेकिन अमेरिकी अधिकारी अब भी चिंतित हैं कि आईएसआई के रिटायर्ड पदाधिकारियों सहित पाकिस्तानी सैनिक नेतृत्व का एक हिस्सा आतंकवादियों की मदद कर रहा है. इसके जरिए वे अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफ़ग़ानिस्तान में अपना पैर जमाना चाहते हैं.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने कहा है कि उन्होंने आईएसआई की यह रिपोर्ट नहीं देखी है. उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के लिए एक खतरा बना हुआ है, लेकिन खतरों का सही मूल्यांकन करना आईएसआई की ज़िम्मेदारी है.
रिपोर्ट: पीटीआई/उभ
संपादन: ए कुमार