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आतंकवाद पर एकजुट भारत, रूस और चीन

२७ अक्टूबर २००९

भारत, रूस और चीन ने आंतकवाद से निटपने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया है. साथ ही तीनों देशों ने अफ़ग़ानिस्तान में बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई.

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अफ़ग़ानिस्तान की चिंतातस्वीर: picture-alliance/dpa

बैंगलौर में भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी एक साझा विज्ञप्ति में कहा है कि उन्होंने विश्व वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा के क्षेत्र और संयुक्त राष्ट्र समेत अंतरारष्ट्रीय संस्थाओं में सुधारों के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.

Indien Außenminister SM Krishna
एस एम कृष्णातस्वीर: AP

भारतीय विदेश मंत्री एस एम कृष्णा, चीनी विदेश मंत्री यांग चिएची और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की बैठक में क्षेत्र में आंतकवाद और अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई. तीनों उभरती अर्थव्यवस्थाओं के विदेश मंत्रियों के बीच यह इस तरह की यह नौवीं बैठक है. इन तीनों देशों में विश्व की 39 प्रतिशत आबादी रहती है. ऐसे में जानकार मानते हैं कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका हो सकती है.

बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, "हमने आतंकवाद और सीमाओं के आरपार होने वाले अपराधों के ख़िलाफ़ त्रिपक्षीय कार्रवाई पर चर्चा की." लावरोव ने अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ते आतंकवाद से निपटने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि हिंसा से ग्रस्त इस देश में स्थिरता और शांति तीनों ही देशों के लिए अहम है.

Russland EU Georgien Außenminister Sergej Lawrow in Moskau
सर्गेई लावरोवतस्वीर: AP

तीनों विदेश मंत्रियों ने विश्व आर्थिक संकट पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि विश्व के आर्थिक प्रबंधन में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को वह प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, जिसके वे हक़दार हैं. यांग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में और अधिक न्याय और समानता की ज़रुरत है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और लोकतांत्रिक बनाना होगा.

तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की अलग से भी बैठक होनी है जिसमें दोनों देशों के बीच पैदा हालिया तनाव पर बात हो सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः प्रिया एसेलबोर्न