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आंदोलनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद रेलवे परीक्षा निरस्त

समीरात्मज मिश्र
२६ जनवरी २०२२

प्रयागराज में रेलवे भर्ती में नए नियम लागू करने और अन्य भर्तियों में देरी को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और फिर घरों में घुसकर तलाशी ली गई, पीटा गया और कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया.

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Indien | Studenten Proteste in Patna
पटना में पथराव करते छात्र.तस्वीर: Santosh Kumar/Hindustan Times/imago images

प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अजय कुमार ने बताया, "मंगलवार को थाना कर्नलगंज के प्रयाग स्टेशन पर हजार की संख्या में छात्रों ने हंगामा किया और रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची काफी कोशिश के बाद हंगामा कर रहे छात्रों को वहां भगाया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था. पुलिस द्वारा हटाए जाने के बाद वो आस-पास के लॉज में छिप गए और वहां से पत्थरबाजी भी कर रहे थे.”

छात्रों पर बलप्रयोग

एसएसपी का कहना था कि इसके बाद कुछ पुलिसकर्मी भी लॉज में घुसे और बल प्रयोग किया. उनके मुताबिक, "इस तरह के वीडियो भी संज्ञान में आए हैं. पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है. जो उपद्रवी छात्र हैं उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और जिन पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल प्रयोग किया है उनके खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की जा रही है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.”

प्रदर्शनकारी छात्रों के मुताबिक पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और दर्जनों छात्रों को उनके हॉस्टलों और घरों से हिरासत में ले लिया. लाठी चार्ज होने पर प्रदर्शनकारी छात्र आस-पास के हॉस्टलों और घरों में छिप गए लेकिन पुलिस ने हॉस्टलों और लॉज में रह रहे छात्रों को वहां से जबरन निकाला, मारा-पीटा और कमरों के दरवाजे भी तोड़ दिए.

छोटा बघाड़ा में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र दीपक मौर्य ने डीडब्ल्यू को बताया, "मेरे लॉज में करीब तीस छात्र रहते हैं. हम सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं और हममें से कोई प्रदर्शन में शामिल भी नहीं था. फिर भी हमारे लॉज से पुलिस वाले छात्रों को पीटते हुए बाहर ले गए. कमरों में घुसकर किताबें तक फाड़ दीं. हम लोग हाथ जोड़ कर अपने बारे में बताते रहे लेकिन उनके सिर पर जैसे जुनून सवार था. यह सुनिश्चित होने के बाद कि हम लोग प्रदर्शन में नहीं थे, हमें छोड़ दिया गया.”

Indien | Studenten Proteste in Patna
पटना में छात्रों को रोकती पुलिस.तस्वीर: Santosh Kumar/Hindustan Times/imago images

किस बात का विरोध

वहीं प्रदर्शन में शामिल कई छात्र अभी भी लापता बताए गए हैं. पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है लेकिन उनका विवरण नहीं दिया गया है. यहां रह रहे तमाम प्रतियोगी छात्र डर के मारे मीडिया से भी बात नहीं कर रहे हैं. प्रतियोगी छात्र रेलवे की एनटीपीसी यानी नॉनटेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी की ग्रुप डी परीक्षा को दो चरणों में कराए जाने का विरोध कर रहे थे. शुरुआत में जब इस परीक्षा का नोटिफिकेशन आया था तब यह एक ही चरण में होनी थी और उसके बाद फिजिकल टेस्ट होना था.

एक प्रतियोगी छात्र देवेश के मुताबिक, "आरआरबी एनटीपीसी यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी ग्रुप टी की वेकेंसी 2019 में निकली थी. काफी दबाव के बाद अगले महीने फरवरी में परीक्षा की तारीख आई. ग्रुप डी की परीक्षा में अब तक एक चरण की परीक्षा होती थी और उसके बाद फिजिकल होता था. परीक्षा से ठीक पहले रेलवे ने एक नया नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि अब परीक्षा दो चरणों में होगी, उसके बाद फिजिकल होगा.”

हालांकि छात्रों के विरोध के बाद अब रेलवे ने इस परीक्षा को स्थगित कर दिया है और छात्रों की शिकायतों की जांच के लिए एक कमेटी बना दी है. इससे पहले, इसी रेलवे की एनटीपीसी में ही ग्रुप सी की परीक्षा के परिणाम में धांधली के आरोपों को लेकर भी छात्रों ने आंदोलन किया था. उस समय भी सैकड़ों की संख्या में छात्रों को हिरासत में लिया गया था.

गड़बड़ी के आरोप

प्रयागराज में छात्र नेता पंकज पांडेय कहते हैं, "एनटीपीसी के ग्रुप सी के रिजल्ट में एक ही छात्र को 4 से अधिक पदों पर पहली बार की परीक्षा में ही क्वालीफाई कराया जा रहा है. इसलिए छात्रों की मांग है कि जो रिजल्ट जारी किया जाए, वो 20 गुना हो और प्रत्येक पद का 20 गुना होना चाहिए. रेलवे मंत्रालय ने अलग-अलग तरीके से स्पष्टीकरण देकर के यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया है कि उसने जो रिजल्ट जारी किया है वह सही है, लेकिन वह यह नहीं बता पा रहा है कि एक छात्र को एक से ज्यादा पदों पर कैसे क्वालीफाई कराया गया है.”

पंकज पांडेय बताते हैं, "देश भर के विभिन्न रेलवे जोन में नॉन-टेक्निकल पापुलर कटेगरी (NTPC) में 35 हजार से अधिक ग्रुप सी पदों पर भर्ती के लिए सात चरणों में रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित पहले चरण यानि CBT1 (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट1) के नतीजों की घोषणा 14 जनवरी 2022 को की गई थी. इसके बाद से कई उम्मीदवार एनटीपीसी परीक्षा परिणाम में कथित गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहे हैं. इस बारे में अब तक 30 लाख से अधिक ट्वीट किए जा चुके हैं. वहीं ग्रुप डी नौकरी के लिए पहले एक चरण में परीक्षा कराने का नोटिफिकेशन आया लेकिन अब कह रहे हैं कि दो चरण में परीक्षा होगी.”

Indien | Studenten Proteste in Patna
पटना में पथराव करते छात्र.तस्वीर: Santosh Kumar/Hindustan Times/imago images

मंगलवार को प्रतियोगी छात्रों के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के वीडियो देखते ही देखते वायरल होने लगे तो इसकी गूंज राजनीतिक स्तर पर भी होने लगी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पुलिस की कार्रवाई के वीडियो पोस्ट करते हुए ट्विटर पर लिखा है, "प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है. प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए. युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं.”

बिहार में भी भड़के छात्र

प्रतियोगी छात्र बिहार में भी आंदोलनरत हैं और मंगलवार को उनके प्रदर्शन का दूसरा दिन था. ये छात्र भी रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी में अलग-अलग पदों पर निकली भर्तियों में धांधली और लापरवाही को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को इन छात्रों का प्रदर्शन भी काफी उग्र हो गया.

पुलिस ने छात्रों पर डंडे बरसाए तो छात्रों ने भी पुलिस टीम पर पत्थरबाजी की. छात्रों के साथ कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. आंदोलन ना सिर्फ पटना में बल्कि आरा, नवादा जैसे कई अन्य जिलों से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने संबंधी तस्वीरें भी आई हैं. कुछ जगहों पर रेल कोच जलाए जाने की भी घटनाएं हुई हैं.

रेलवे की चेतावनी

प्रयागराज में पिछले कई दिन से छात्र रेलवे की भर्ती परीक्षा यानी आरआरबी एनटीपीसी के रिजल्ट में व्यापक पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं. पिछले दिनों भी आंदोलन कर रहे कई छात्रों को हिरासत में लिया गया था.

इससे पहले छात्रों के विरोध और उनके तमाम आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को रेलवे ने एक धमकी भरा नोटिफिकेशन जारी किया था. इस में कहा गया है कि विरोध करने वाले छात्रों को भविष्य में रेलवे की किसी भी परीक्षा में बैठने से वंचित किया जा सकता है.

रेलवे के नोटिफिकेशन में लिखा था, "संज्ञान में ये बात आई है कि रेलवे की नौकरी के आकांक्षी उम्मीदवार गैरकानूनी गतिविधियों जैसे कि रेल की पटरी पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने और रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों में शामिल हैं. ऐसी गतिविधियां अनुशासनहीनता का उच्चतम स्तर है. विशेष एजेंसियों की सहायता से ऐसी गतिविधियों से संबंधित वीडियो की जांच की जाएगी. गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी, साथ ही उन्हें रेलवे की नौकरी प्राप्त करने के संबंध में आजीवन प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.”

प्रतियोगी छात्रों की समस्या

प्रयागराज, दिल्ली, पटना जैसी जगहों पर लाखों की संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र रहते हैं. इनमें कुछ सिविल सेवाओं की और कुछ ग्रुप सी और डी की नौकरियों की तैयारी करते हैं. जब रेलवे और बैंकिंग जैसी बड़ी संख्या में नौकरी देने वाली संस्थाओं की वैकेंसी नहीं आती तो छात्रों के कई साल परीक्षा के इंतजार में ही चले जाते हैं. छात्र जिस परीक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उसका विज्ञापन साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आया था.

छात्रों की समस्याओं और परीक्षाओं में होने वाली धांधली के खिलाफ आवाज मुखर करने वाली संस्था युवा हल्ला बोल से जुड़े गोविंद मिश्र कहते हैं, "सरकार की प्राथमिकताओं में रोजगार देना है ही नहीं. चुनावी एजेंडे में ही रहता है यह. छात्र परीक्षाओं का इंतजार ही करता रहता है. उसे लगता है कि परीक्षा देंगे तब पता चलेगा कि वो योग्य है या नहीं लेकिन यहां तो परीक्षा ही कई-कई साल नहीं हो रही है.

पांच साल तो उसे परीक्षा देने में लग जा रहे हैं, उसमें भी यदि एक बार असफल हो गया तो अगली परीक्षा के लिए फिर कई साल का इंतजार करना पड़ता है. बड़े शहरों में हजारों कोचिंग और तमाम लोगों के रोजगार इन्हीं छात्रों की बदौलत फल-फूल रहे हैं लेकिन सरकारी नौकरी की चाहत में छात्र और उनके अभिभावक आखिरकार खुद को ठगे हुए ही पाते हैं.”