1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अनूप चेतिया के प्रत्यपर्ण से बदलेंगे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते

३ अगस्त २०११

बांग्लादेश की हिरासत में मौजूद उल्फा नेता अनूप चेतिया को जल्द ही भारत के सुपुर्द किए जाने की संभावना है. उल्फा के महासचिव अनूप चेतिया को बांग्लादेश में अवैध तरीके से घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

https://p.dw.com/p/12AWQ
रिश्ते होंगे और मजबूततस्वीर: UNI

विद्रोही संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम यानी उल्फा के नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश जल्द ही भारत को सौंप सकता है. भारत लंबे समय से इसकी मांग करता आया है. भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बांग्लादेश दौरे पर चेतिया को जल्द से जल्द भारत के हवाले करने की मांग की थी.

बांग्लादेश की गृह मंत्री सहरा खातून के मुताबिक जल्द से जल्द चेतिया को सौंपने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. उल्फा के महासचिव अनूप चेतिया को बांग्लादेश में अवैध तरीके से घुसने के आरोप में 21 दिसंबर 1997 को ढाका में गिरफ्तार किया गया. भारत-बांग्लादेश रिश्ते के लिए अनूप चेतिया एक अहम कड़ी साबित हो सकते हैं. सितंबर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बांग्लादेश जाने वाले हैं. ऐसे में दोस्ती मजबूत करने के इरादे से चेतिया का जल्द प्रत्यर्पण किया जा सकता है.

Indischer Grenzsoldat
तस्वीर: AP

खुश करने का मौका

खातून कहती हैं, "मुझे नहीं लगता कि चेतिया के प्रत्यपर्ण में कोई अड़चन आ सकती है. लेकिन जाहिर सी बात है किसी भी प्रत्यपर्ण की प्रक्रिया होती है." 43 वर्षीय चेतिया के बारे में माना जाता है कि वह उल्फा के भूमिगत कमांडर इन चीफ परेश बरूआ का स्थान लेने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में अगर चेतिया को भारत को सौंप दिया जाता है तो वह पहले से उल्फा के अध्यक्ष अरविंद राजखोआ समेत दूसरे शीर्ष नेताओं के साथ असम में शांति को लेकर सरकार के साथ की जा रही बातचीत में शामिल हो सकते हैं.
उल्फा की शुरुआत

1970 के दशक में असम में छात्र आंदोलन ने जोर पकड़ा और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में यह हिंसक हो गया. इसी आंदोलन के आधार पर 7 अप्रैल 1979 को उल्फा का गठन हुआ. इसका मकसद एक समाजवादी असम राज्य की स्थापना बताया गया. 1983 में इस संगठन ने कार्यकर्ताओं की भर्तियां शुरू की और फिर नगालैंड और बर्मा के विद्रोहियों से ट्रेनिंग के बाद हिंसक कार्रवाइयां करने लगा. 1990 में भारत सरकार ने इसे आतंकवादी संगठनों की सूची में डाल कर इस पर प्रतिबंध लगा दिया.

Bangladesh Flagge

हिंसा से तोड़ा नाता

दिसंबर 1991 में उल्फा के डिप्टी कमांडर इन चीफ हीरक ज्योति महंता की मौत के बाद बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसका असर संगठन की ताकत पर पड़ा और उसके कई टुकड़े हो गए. 2004 के बाद से उल्फा के कुछ नेता बातचीत के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़े. पहले उनकी मांग थी कि असम की संप्रभुता पर बात हो. हालांकि अब यह मांग भी कमजोर पड़ रही है.

भारत ने बांग्लादेश को अपने ऐसे 50 नागरिकों की सूची दी है जो बांग्लादेश में छिपे या हिरासत में हैं. भारत की मांग है कि बांग्लादेश उन्हें लौटा दे. बांग्लादेश ने भी भारत को 100 ऐसे लोगों की सूची दी है जो भारत में हो सकते हैं. इस सूची में दो लोग वे भी शामिल हैं जो बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के आरोपी हैं. इसके अलावा अवामी लीग की रैली पर ग्रेनेड हमले के आरोपियों के भी नाम शामिल हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ आमिर अंसारी

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें