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''अंतरिक्ष के लिए बने आचार संहिता''

१३ फ़रवरी २००९

दो उपग्रहों की टक्कर के बाद यूरोपीय संघ ने अंतरिक्ष में सैन्य और असैन्य गतिविधियों के लिए एक आचार संहिता बनाने को कहा है. गुरुवार को एक अमेरिकी उपग्रह एक ऐसे रूसी उपग्रह से टकरा गया जो निष्क्रिय हो चुका था.

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अंतरिक्ष यान चैलेंजर का हादसातस्वीर: AP

उपग्रहों के टकराने की यह अपनी तरह की पहली घटना है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि इस टक्कर के कारणों का पता तो चंद हफ़्तों बाद ही लग पाएगा, लेकिन डर यह है कि इन उपग्रहों के टुकड़ों से दूसरे उपग्रहों को कोई नुक़सान न पहुंचे. टकराने वाले उपग्रहों का वज़न साढ़े चार सौ किलोग्राम से भी ज़्यादा बताया जाता है.

यूरोपीय संघ का कहना है कि अगर अंतरिक्ष के लिए भी एक आचार संहिता बन जाए तो इससे ऐसी टक्करों को या फिर इससे पर्यावरण के लिए पैदा को ख़तरों को रोका जा सकता है. यह अंतरिक्ष को संकट क्षेत्र बनने से रोकने की दिशा में भी एक अहम क़दम हो सकता है.

यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष चेक गणराज्य ने इस बारे में संयुक्त राष्ट्र की निरस्त्रीकरण फ़ोरम कॉन्फ़्रेंस ऑन डिसआर्मामेंट को एक स्वैच्छिक प्रस्ताव भेजा है. इसमें कहा गया है कि अंतिरक्ष में गतिविधियां चलाने देशों को ऐसे अंतरराष्ट्रीय क़दम उठाने से बचना चाहिए जिनसे वहां मौजूद वस्तुओं को नुक़सान पहुंचे.

अंतरिक्ष में मौजदू कचरे के निस्तारण और उससे जुड़े मुद्दों पर दुनिया के बड़े देशों में मतभेद हैं. इसीलिए कॉन्फ़्रेंस ऑन डिसआर्मामेंट दशकों से नकारा संगठन ही साबित हुआ है. पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा कि इस फ़ोरम को इन मुद्दों को निपटाने के लिए तेज़ी से क़दम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्व आर्थिक और वित्तीय संकट के समय निरस्त्रीकरण के एजेंडे को आगे बढा़कर ही शांति लाई जा सकती है जिसकी दुनिया को सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.